
PATNA : बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 66वीं पीटी एग्जाम में करीब 40 परसेंट परीक्षार्थी अवसेंट रहे, फिर भी एजाम सेंटर्स पर कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती रही। पटना में कई सेंटर्स पर सोशल विस्टेसिंग का पालन भी नहीं किया गया. संह को बिहार के 888 सेंटर्स पर परीक्षा हुई।
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एक मुन्ना भाई निष्कासित
बक्सर में दूसरे के बदले परीक्षा देने के आरोप में एमवी कॉलेज से एक परीक्षार्थी को निष्कासित कर दिया गया। औरंगाबाद में बीएल इंडो पब्लिक स्कूल केंद्र में परीक्षा बाधिन होने की सूचना मिली। आयोग ने डीएम से रिपोर्ट मांगी है। देर शाम एग्जाम सेंटर पर सोशल डिस्टेंसिग नहीं। जांच में प्रश्न पत्र सील टूटने के आरोपों को गलत पाया गया. हंगामा और परीक्षा बाधित करने वाले परीक्षार्थियों पर कार्रवाई होगी।
चेयरमैन ने किया निरीक्षण
आयोग के कुल 724 पदों के लिए हुई परीक्षा में साढ़े चार लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, चार लाख आठ हजार अभ्यर्थियों ने ही प्रवेश पत्र डाउनलोड किया। परीक्षा का जायजा लेने बीपीएससी के चेयरमैन आरके महाजन और सचिव केशव रंजन ने पटना के विभिन्न परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं परखी, आयोग के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया, राज्यभर में प्रारंभिक परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई.
औरगावद सदर प्रखंड के बीएल इडौं परिलक स्कूल परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थियें के हगमा और आरोप लगाने की जंच को लेकर डीएम के आदेश पर आर समाहा की अध्यक्षता में गदित त्रिस्तरीय कमेटी ने जच की, एडीएम के अनुसार परीक्षार्थियों ने दो विंदुओं पर शिकायत की गई थी. पहल परीक्षा 12.30 बजे प्रारभ हुई. दूसरा प्रश्न पत्र की सील टूटी हुई है जिसे विद्यार्थियों के सामने नहीं खोला गया। जच में पया गया कि परीक्षा 12:30 से प्रारंभ होने की बात गलत है क्योकि मजिस्ट्रेट के अनुसर हगमा 12 बजे से पहले ही शुरू कर दिया गया था, जाच के क्रम में पाय गया कि सभी प्रश्न पत्र की सील सुरक्षित है, केवल प्रश्न पत के गट्ठर को वितरण के लिए खोला गया था जिसकी वीडियोग्राफी हुई है, किसी भी प्रश्न पत्र को सैटर में नहीं खोला गया है। मामले में किसी प्रकार का बल प्रयोग प्रशासन द्वारा नहीं किया गया।