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दो माह पूर्व विभाग ने सभी सरकारी विद्यालयों के खाता खेसरा के साथ जमाबंदी के कागजात भी मांगे थे जिले में सरकार द्वारा अनुदानि 19 विद्यालयों की रिपोर्ट उपलब्ध, कई स्कूलों में किया गया अतिक्रमण। कोरोनाकाल में स्कूलों के बंद रहने से जमीन के कागजात संबंधित कार्य अधूरा रह गया है। मैट्रिक-इंटर की परीक्षा शुरू होने के बाद इसी बीच डीएम की अध्यक्षता में बैठक कर अंचलाधिकारी-प्रखंड विकास पदाधिकारी के समन्वय से कागजात दुरूस्त किया जाएगा। अभी तक जिले में एक भी विद्यालय द्वारा रिपोर्ट नहीं भेजी गई है।
शिक्षा विभाग की नई शिक्षा नीति को लेकर प्रधान सचिव माध्यमिक शिक्षा निर्देशक एवं प्राथमिक शिक्षा निदेशक का संयुक्त फैसला आ गया।
जिले के सरकारी विद्यालयों में किसी भी विद्यालय के जमीन संबंधित दस्तावेज अभी शिक्षा विभाग को उपलब्ध नहीं कराया गया है। हालांकि सरकार के अनुदान पर चलने वाले स्वीकृत 19 विद्यालयों के जमीन संबंधित कागजात जरूर जिला शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराया गया है। लेकिन सरकारी स्कूलों में किसी भी प्रधानाचार्य द्वारा अभी रिपोर्ट नहीं दी गई है।
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विदित हो कि दो माह पूर्व शिक्षा विभाग ने अपने अधीनस्थ सभी सरकारी विद्यालयों के दस्तावेजों की मांग डीईओ से की थी। इस आलोक में एसएसए डीपीओ ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को प्रधानाचार्यों से समन्वय बना विद्यालय की भूमि के कागजात उपलब्ध कराने व दाखिल-खारिज नहीं होने या जमाबंदी नहीं होने की स्थिति में उन्हें अंचलाधिकारियों से मिल कागजात दुरूस्त कराने का निर्देश दिया था। लेकिन अभी तक जिले के किसीप्रखंड से बीईओ द्वारा एक भी विद्यालय के कागजात को प्रस्तुत नहीं किया गया है। हालांकि बीईओ द्वारा सीआरसीसी के माध्यम से भूमि के कागजात व जमाबंदी के लिए सीओ कार्यालयों में आवेदन दिया गया है।
कई सरकारी स्कूलों के पास नहीं हैं जमीन संबंधी दस्तावेज: जिले के कई पुराने व बड़े हाई स्कूलों के पास जमीन संबंधित कागजात नहीं है। शिक्षा विभाग ने जब जिलों से इस बाबत मांगी रिपोर्ट तो मामला उजागर हो रहा है। इसके बाद जिले में बीईओ के माध्यम से खाता खेसरा के साथ स्कूल की जमीन के सभी दस्तावेज मांगे गए हैं। लेकिन कई पुराने विद्यालयों को दानस्वरूप मिले जमीन या भूमि के कागजात नहीं मिलने से बीईओ व स्कूलों के प्रभारी हाथ खड़े कर रहे हैं।
जले में करीब दो माह पूर्व ही बीईओ से स्कूलों के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई थी। अब तक रिपोर्ट अप्राप्त है। किसी स्कूल ने रिपोर्ट नहीं भेजी हैं। हालांकि सरकार द्वारा अनुदानित जिले में संचालित 19 विद्यालयों की रिपोर्ट में पूर्व के प्रधानाचाया द्वारा भी विद्यालय की जमीन के कागजात इधर से उध करने की सूचना मिल रही है। गौरतल है कि जिले में कई विद्यालयों के भव के अलावे, खेल मैदान की जमीन साथ खेती योग्य भूमि भी स्कूल को दान में दी गई है। लेकिन इन जमीनों का अभी तक कागजात नहीं मिल रहा है। डीपीओ ने डीएम के हस्तक्षेप व जिले के सभी सीओ के साथ संयुक्त बैठक कर सहयोग मांगी गई है।