
शिक्षा विभाग ने जिलों के शिक्षा अधिकारियों को चेताया है कि बिना किसी ठोस कारण शिक्षकों का वेतन रोका तो कार्रवाई होगी। अपर मुख्य सचिव ने शुक्रवार को सभी डीईओ व डीपीओ (स्थापना) को पत्र भेज कर कहा है कि प्रायः देखा जा रहा है कि शिक्षकों को वेतन बिना कारण ही रोक दिया जाता है। ऐसे मामले न्यायालय में जाते हैं। अपर मुख्य सचिव ने इस तरह के एक मामले में हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि शिक्षकों के कार्यरत अवधि का वेतन भुगतान करना सुनिश्चित करें।
यदि किसी शिक्षक की नियुक्ति अवैध हो या अन्य किसी प्रकार की अनियमितता हो तो मात्र वेतन रोकने की कार्रवाई को वित्तीय अनियमितता मानते हुए संबंधित पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामले में या तो निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही की जाए या बिना निलंबन के विभागीय कार्रवाई की जाए। लेकिन बिना निलंबन या विभागीय कार्रवाई के मात्र वेतन नहीं रोकना है। यह भी कहा कि आधारभूत नियम यह है कि जिस भी कर्मी से आप कार्य ले रहे हैं, उनका वेतन भुगतान आवंटन के अभाव के अलावा अन्य किसी भी परिस्थिति में नहीं रोका जा सकता।
राज्य के 12 से अधिक जिलों में नवनियुक्त शिक्षकों को वेतन भुगतान शुरू नहीं।
पटना | राज्य के दो दर्जन से अधिक जिलों के प्रारंभिक स्कूलों में नवनियुक्त शिक्षकों को वेतन भुगतान शुरू नहीं हो सके हैं। मुजफ्फरपुर, भागलपुर जैसे जिलों के शिक्षकों को वेतन भुगतान प्रक्रियाधीन है, जबकि बांका, गया, शेखपुरा सीतामढ़ी जैसे जिलों में नवनियुक्त शिक्षकों का ईपीएफ अभी ईपीएफ खाता खुलवाए जा रहे हैं। पटना में कुछ शिक्षकों के वेतन भुगतान शुरू हो गए हैं। जबकि कटिहार, जहानाबाद सहित आधा दर्जन जिलों में अधिकांश शिक्षकों का भुगतान हो चुका है।
लगभग डेढ़ माह पहले ही शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के निर्देश के बाद प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिलों को नवनियुक्त शिक्षकों को वेतन भुगतान के •लिए कहा था। नवनियुक्त शिक्षकों को वेतन भुगतान की प्रक्रिया में देरी से शिक्षक निराश हैं। बिहार संघर्षशील शिक्षक संघ के सुजीत कुमार झा और नवनियुक्त शिक्षक सौरभ कुमार ने कहा कि सभी शिक्षकों को जून तक का वेतन भुगतान कर दिया जाए। शिक्षा विभाग को एक तिथि निर्धारित कर देना चाहिए, ताकि समय पर वेतन भुगतान हो सके।
मई से स्कूलों में नहीं मिला मिड डे मील, पीएमओ पहुंचा मामला।
मुजफ्फरपुर | इस वर्ष अप्रैल माह के बाद सकरा प्रखंड के स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। इसकी सूचना अभिभावक आनंद कुमार साह ने पीएमओ से करते हुए बच्चों को मिड डे मिल उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है। पीएमओ से इस मामले में डीएम कार्यालय को सूचना देते हुए मामले में कार्रवाई करते हुए बच्चों को मीड डे मिल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
सकरा प्रखंड के सादिकपुर मुरौल गांव के आनंद कुमार साह ने बच्चों को अप्रैल 2022 के बाद मिड डे मील नहीं मिलने की शिकायत पहले स्थानीय अधिकारियों से की। उन्होंने बताया कि उनके दो बच्चे राजकीय आदर्श मध्य विद्यालय शंभूनाथपुर ढोली में पढ़ते हैं। बच्चों को अप्रैल के बाद मिड डे मील नहीं मिलने पर मैंने पीएमओ को पूरे मामले की जानकारी देते हुए यहां के बच्चों को मिड डे मिल उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। इसके संबंध में मैने पहले प्रखंडस्तरीय अधिकारियों से भी शिकायत की, लेकिन, कोई नतीजा नहीं निकला। अब पीएमओ से डीएम कार्यालय को सूचना देने तथा कार्रवाई करने का निर्देश दिए जाने की सूचना दी गई है।