
प्रदेश के 72 हजार प्रारंभिक विद्यालयों में अध्ययनरत 1.66 करोड़ बच्चों को आने वाले समय में मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) से पहले नाश्ता भी मिलेगा। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश पर अमल करते हुए अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ बच्चों की सेहत का भी पूरा ख्याल रखे जाने की कवायद तेज हो गई है। शिक्षा विभाग के स्तर से तैयारी शुरू हो गई है। इसके तहत सभी स्कूली बच्चों का हेल्थ कार्ड तैयार होगा। साथ ही उन्हें मध्याहन भोजन के साथ सुबह का नाश्ता भी दिया जाएगा।कुपोषण से ज्यादा प्रभावित जिलों से शुरू होगी योजना शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत केंद्र सरकार ने प्री-नर्सरी और प्रारंभिक विद्यालयों में बच्चों की सेहत का ध्यान रखते हुए मध्याह्न भोजन से पहले नाश्ता देने की योजना को सहमति दी है। अभी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सिर्फ मध्याहन भोजन ही दिया जाता है। हालांकि सुबह का नाश्ता देने की शुरुआत अभी ऐसे जिलों से की जाएगी, जो कुपोषण से सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसकी तैयारी तेजी से शुरू हो गई है। इसके तहत सभी बच्चों का हेल्थ कार्ड भी तैयार होगा यूनिसेफ की मदद से बच्चों की सेहत का सर्वेक्षण भी कराया जाएगा।
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प्री-नर्सरी के बच्चों को भी मिलेगा खाना होगी योजना।
प्री-नर्सरी ( प्राइमरी) के बच्चों को भी मध्याहन भोजन से पहले पौष्टिक नाश्ता दिया जाएगा। नाश्ता स्कूल के किचेन में नहीं बनेगा। नाश्ता क्षेत्रीय स्वयंसेवी या महिला संगठनों की मदद से तैयार कराया जाएगा। यह पैवड फूड पोषण से भरपूर होगा। इसे लेकर केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से सुझाव भी मांगा है। हालांकि यह किसी कंपनी का उत्पाद नहीं होगा। हेल्थ कार्ड और नाश्ते की योजना के साथ मध्याहन भोजन की योजना को विस्तार देने की भी तैयारी है। अब इसके दायरे में प्री-प्राइमरी या बाल वाटिका भी होगी। अभी इस पूरी स्कीम के दायरे में पहली से आठवीं तक के ही बच्चे शामिल हैं।
चुनावी ड्यूटी के बाद समय पर योगदान देने का निर्देश।
पटना: बिहार पुलिस के जवानों और पदाधिकारियों को पंचायत चुनाव की ड्यूटी के बाद छुट्टी पर जाना महंगा पड़ सकता है। चुनावी ड्यूटी पूरी होने के तुरंत बाद अपने नियमित जिले व थाने में योगदान देना है। अनुपस्थित रहने पर कार्रवाई की जाएगी। इस बार 11 चरणों में पंचायत चुनाव हो रहा है। इसके लिए केंद्रीय बल नहीं बुलाया गया है। राज्य के पुलिस और सुरक्षाबलों के हाथ में ही सुरक्षा की कमान है। ऐसे में थाना और जिलास्तर पर पदस्थापित बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी व पदाधिकारियों को आस-पास की पंचायतों में हो रहे चुनाव में ड्यूटी लगाई गई है। कई पुलिसकर्मी चुनावी ड्यूटी के बाद अगले दिन अघोषित छुट्टी ले रहे।
इससे रूटीन काम प्रभावित हो रहा । इसी कारण थानाध्यक्षों को यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने थाने से चुनावी ड्यूटी में गए पुलिसकर्मियों की उपस्थिति चेक करें। थाने से चुनावी ड्यूटी की दूरी तय कर समय का आकलन कर लें। इसकी सूची एसपी को भी भेजने को कहा गया है। इसमें लापरवाही बरतने पर सख्त कार्रवाई का निर्देश जारी किया गया है। जिले से बाहर भी लग रही ड्यूटी : पंचायत चुनाव के दौरान पुलिसकर्मियों व अफसरों की कमी दूर करने के लिए अंतर जिला प्रतिनियुक्ति भी की जा रही है। पुलिस मुख्यालय ने सभी रेंज के आइजी और डीआइजी को अपने क्षेत्र में पुलिस अधिकारी और सशस्त्र बल की अंतर जिला प्रतिनियुक्ति का भी अधिकार दिया।