
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव व अन्य अफसरों के वेतन से रोक हटी।
पटना। पटना हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और जिले के वरीय शिक्षा अधिकारियों के वेतन पर लगी रोक को हटा लिया है। जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने 22 जून को उमेश कुमार सुमन और वैशाली जिले के 30 अन्य ब्लॉक शिक्षकों की याचिका पर सुनवाई के बाद वित्त सचिव को इनके वेतन पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। सोमवार को शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने कोर्ट को हलफनामा दायर कर बताया कि जिन शिक्षकों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही लंबित है, उन्हें छोड़कर सभी शिक्षकों के वेतन भुगतान की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की शिकायत के निराकरण के लिए शिकायत निवारण फोरम का भी गठन किया जा रहा है। कोर्ट ने उम्मीद जताई कि सरकार हर जिले में शिकायत निवारण फोरम का गठन जल्दी कर देगी।
मध्याह्न भोजन पकाने के लिए एलपीजी कनेक्शन पर सब्सिडी।
पटना। स्कूलों में बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन पकाने के लिए एल. पी. जी. कनेक्शन पर सब्सिडी देने हेतु शिक्षा विभाग ने पहल की है। स्कूलों में बच्चों के लिए मध्याहन भोजन पकाने के लिए एल. पी. जी. कनेक्शन पर डोमेस्टिक कैटोगेरी की भांति ही सब्सिडी देने के केंद्र का निर्देश है। इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सतीश चन्द्र झा, जो पी. एम. पोषण योजना के निदेशक भी हैं, ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चीफ एरिया मैनेजर, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के टेरीटेरी मैनेजर (एलपीजी) एवं हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक को पत्र लिखा है ।
कई जिलों में नहीं मिला नवनियुक्त शिक्षकों को वेतन।
पटना। राज्य में जिन जिलों में नवनियुक्त प्रारंभिक शिक्षकों को अब तक वेतन नहीं मिला है, उन्हें अविलंब भुगतान कराने की मांग परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ ने की है। परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ के प्रदेश कार्यकारी संयोजक नवनीत कुमार एवं प्रदेश संगठन महामंत्री शिशिर कुमार पाण्डेय ने नवनियुक्त शिक्षकों के वेतन भुगतान हेतु चालू जुलाई माह में किसी एक तिथि तय करने की मांग राज्य सरकार से की है। इस बाबत संगठन ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा है। ज्ञापन में कहा गया है कि नवनियुक्त शिक्षकों के वेतन भुगतान हेतु शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिलों को स्पष्ट निर्देश जारी किया गया था। बावजूद, अधिकांश जिलों में भुगतान नहीं हुआ है।
मध्यप्रदेश धार जिले के मनावर के गांव गुलाटी का सरकारी स्कूल नजीर।
हेड मास्टर ने कन्या स्कूल पर 9 साल में 7 लाख खर्चे, छात्राओं को स्कूल लाने के लिए ट्रैक्टर भी खरीदा।
भोपाल। मध्यप्रदेश में धार जिले के मनावर के गांव गुलाटी में कन्या सरकारी स्कूल में बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूल जैसी सुविधाएं हैं। यहां कक्षा 1 से 5 वीं तक की बच्चियां पढ़ती हैं। स्मार्ट क्लास से लेकर आरओ वाटर तक की सभी सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं। बच्चों को लाने-ले जाने के लिए वाहन भी है। गांव के इस स्कूल की तस्वीर हेड मास्टर शंकरलाल काग ने बदली जो इसी गांव के रहने वाले हैं। शंकरलाल इसी गांव के रहने वाले हैं। वच्चियों को लाने-लेजाने के लिए उन्होंने सबसे पहले 1.30 लाख रुपए देकर ट्रैक्टर खरीदा और 35 हजार रुपए की ट्राली जुड़वाई हर माह डीजल का 3 हजार रुपए खर्च वे ही उठाते हैं। 2014 से अभी तक हेड मास्टर शंकरलाल काग सात लाख रुपए से अधिक की राशि खर्च कर चुके हैं।
शौचालय, किचन, प्रोजेक्टर और आरओ वॉटर मशीन
शंकरलाल ने शौचालय, हैंडवाश बेसिन, किचन, प्रोजेक्टर, आरओ वॉटर सहित कई तरह की सुविधाएं जुटाई। आज 102 छात्राएं स्कूल में पढ़ने आ रही हैं। उनका मानना है कि सरकार 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के लिए इतनी धनराशि खर्च कर रही है, तो वे भी बच्चों को पढ़ाने में कुछ तो सहयोग कर ही सकते हैं।'