
1)शिक्षक 10 साल से तबादले का कर रहे इंतजार
2) शिक्षा विभाग द्वारा दोषी या निलंबित शिक्षक तबादले के लिए नहीं देंगे प्रार्थना पत्र
3)नए सत्र से शिक्षकों के तबादले का मिलेगा मौका, देना होगा ऑनलाइन आवेदन
सासाराम। जिले की सरकारी विद्यालयों में कार्यरत नियोजित शिक्षक पिछले 10 वर्षों से ऐच्छिक स्थानांतरण का इंतजार कर रहे हैं। समय-समय पर शिक्षक संघ द्वारा ऐच्छिक स्थानांतरण की मांग की जाती रही है। एक बार फिर राज्य सरकार द्वारा नियोजित शिक्षकों के स्थानांतरण को ले योजना बनाई गई है। जिले की बात करें तो पिछले कई वर्षों से स्थानांतरण को ले कई शिक्षक कार्यालय के लगातार चक्कर लगाते रहे हैं।
स्थानांतरण को ले ज्यादातर महिला व दिव्यांग शिक्षक आस लगाए हैं। जिले की बात करें तो यहां प्राथमिक, मध्य व उच्च विद्यालयों में नियोजित 1856 से ज्यादा शिक्षक स्थानांतरण को ले शिक्षा विभाग में डोरे डाल रहे हैं। स्थानांतरण को ले विभाग के पास आए आवेदनों में सबसे ज्यादा प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की है। कई महिला शिक्षकों की नौकरी शादी से पहले हो गई है। शादी बाद उनके ससुराल वाले नौकरी छोड़े तक का दबाव बना रहे हैं। ऐसे में महिला शिक्षिकाओं का कहना है कि हम अपनी नौकरी बचाएं या घर। ऐसे में पिछले 16 वर्षों से ऐच्छिक स्थानांतरण का शिक्षक इंतजार कर रहे हैं। जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, नए शैक्षणिक सत्र से शिक्षकों के तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन लिये जाएंगे।
नियोजित शिक्षकों के ऐच्छिक तबादले का रास्ता लंबे अर्से के बाद साफ होता नजर आ रहा है। मामले को ले नगर विकास विभाग और पंचायती राज विभाग से सहमति मिलने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा महिला और दिव्यांग शिक्षकों की गाइडलाइन तैयार की गई है। महिला और दिव्यांग शिक्षकों का तबादला रिक्ति के आधार पर किया जाना है। सूत्रों की मानें तो अप्रैल-मई महीने से ऐच्छिक तबादले के लिए शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लिए जाने की संभावना है। शिक्षा विभाग में तबादले की जो रूपरेखा तैयार की है, उसके अनुसार दिव्यांग व महिला शिक्षकों को तबादले की सुविधा उनके पूरे सेवा काल में केवल एक बार मिलेगी।