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ढाई साल के बाद आखिरकार ने शिक्षकों को मिली सफलता न्यायालय के आदेश के बाद विभाग को अब एकमुश्त होगी भुगतान।

ढाई साल के बाद आखिरकार ने शिक्षकों को मिली सफलता न्यायालय के आदेश के बाद विभाग को अब एकमुश्त होगी भुगतान।

वेतन का भुगतान एक सप्ताह के अंदर होगा ।
पटना। ढ़ाई साल वाद प्रारंभिक विद्यालयों में पदस्थापित करीव 3000 अप्रशिक्षित शिक्षकों के घर में लौटेंगी खुशियां। एक सप्ताह के अंदर एकमुश्त राशि का भुगतान कर दिया पटना हाईकोर्ट जाएगा। इसके लिए पटना हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य सरकार ने वीते करीब ढाई वर्षों से • लंवित अप्रशिक्षित शिक्षकों के वेतन भुगतान का आदेश जारी कर दिया है। आदेश पर राज्य सरकार ने जारी किया आदेश अप्रशिक्षित शिक्षकों के वेतन भुगतान का आदेश दिया था। निदेशक, प्राथमिक शिक्षा ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, स्थापना को एक सप्ताह के अंदर अनिवार्य रूप से • वेतन भुगतान सुनिश्चित करते हुए अनुपालन प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा है। भुगतान नहीं करने की स्थिति में संबंधित जिलों के
जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (स्थापना) को अलग से प्रतिशपथ पत्र दायर करते हुए व्यक्तिगत उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी। निदेशक ने इसके अलावा समरूपता के दृष्टिकोण से उक्त वादों में समुचित प्रतिशपथ पत्र दाखिल करना सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है।

परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ की ओर से 27 मई को पटना हाईकोर्ट के आदेश के वावजूद अप्रशिक्षित शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं करने पर पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से की गई थी। 11 मई को अताउर रहमान बनाम विहार सरकार मामले में उच्च न्यायालय ने राज्य में कार्यरत सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों के कार्यरत अवधि के वकाया भुगतान का अंतरिम आदेश दिया गया था। हालांकि इससे पहले भी पटना हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद वेतन भुगतान के लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशक की ओर से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, स्थापना को निर्देश दिया गया था। इसके वावजूद किसी भी जिले में अप्रशिक्षित शिक्षकों के वकाया वेतन का भुगतान नहीं किया गया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर व्रजवासी ने बताया कि ढाई साल से वेतन लंबित होने की वजह से अप्रशिक्षित शिक्षकों और उनके आश्रितों की हालत बहुत दयनीय हो चुकी है। उनका परिवार भुखमरी के कगार पर है। कार्यरत अवधि का वेतन किसी भी कर्मचारी का नैसर्गिक अधिकार है।

क्या है मामला।
राज्य सरकार ने पहली बार 22 अक्टूबर 2019 को अप्रशिक्षित शिक्षकों को हटाने का निर्देश जारी किया गया। दूसरी बार 13 नवंबर 2020 को सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को चेतावनी देते हुए बर्खास्त करने का निर्देश दिया। तत्पश्चात सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों की ओर से पटना हाईकोर्ट में अपील की गई। पटना हाईकोर्ट ने 14 जुलाई 2021 को बर्खास्तगी पर रोक लगाई। उसके बाद पटना हाईकोर्ट ने वेतन लंबित रखने पर राज्य सरकार से 02 मार्च 2022 को रिपोर्ट मांगी। और 11 मई को वेतन भुगतान का आदेश पारित किया।

शिक्षकों को वाजिब मामलों में नहीं लगाना पड़े दफ्तरों का चक्कर।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अधिकारियों को दी यह सुनिश्चित करने  की हिदायत।
पटना । शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि इरादतन शिक्षकों को परेशान करने वाले अधिकारियों को चिह्नित किया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ पर कार्रवाई भी की गई है। मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय अधिकारियों को हिदायत दी गई कि वे शिक्षकों को वाजिव मामलों में विभाग के दफ्तर का चक्कर नहीं लगाना पड़े, यह सुनिश्चित करें। उन्होंने वताया कि पिछले दिनों उच्च स्तरीय विमर्श के क्रम में यह निर्णय लिया गया था कि प्रखंड से लेकर मुख्यालय तक के पदाधिकारी नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण कर विभागीय कार्यालय एवं विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। इससे विभाग के कार्यालय व्याप्त अनियमितताओं को दूर करते हुए वेहतर कार्य संस्कृति का निर्माण होगा। साथ ही, विद्यालयों में भी शिक्षकों की शतप्रतिशत उपस्थिति एवं कार्य संचालन सुनिश्चित होने से शैक्षिक वातावरण में सुधार होगा। इसी आलोक में 8 जून को मुख्यालय स्तर के सभी वरीय पदाधिकारी क्षेत्र भ्रमण पर रहे। शिक्षा विभाग के दीपक कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ने मुजफ्फरपुर, असंगवा चुवा आओं, सचिव ने औरगावाद, मनोज कुमार, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा ने सारण तथा रवि प्रकाश, निदेशक, प्राथमिक शिक्षा ने समस्तीपुर जिले का भ्रमण किया।

सभी अधिकारियों ने विशेष रूप से जिला स्तरीय विभागीय कार्यालय का निरीक्षण किया एवं वहीं क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ विभागीय गतिविधियों की समीक्षा की। इस क्रम में विभिन्न कार्यालयों में कई खामियां एवं अनियमितताएं उजागर हुईं, जिन्हें दूर करने का तत्क्षण आदेश दिया गया। इरादतन शिक्षकों को परेशान करने 2 वाले अधिकारियों को चिन्हित किया गया एवं कुछ कर्मियों पर कार्रवाई की गई। अनेक शिक्षकों के वेतन पेंशनादि के लंवित मामलों का निष्पादन किया गया। विभाग की मंशा स्पष्ट है कि अधिकारी नियमित रूप से विद्यालयों का निरीक्षण करें ताकि वर्ग / कक्षाएं पूरे समय तक सही ढंग से चलें। साथ ही सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को हिदायत दी गई कि वे शिक्षकों को वाजिव मामलों में विभाग के दफ्तर का चक्कर नहीं लगाना पड़े यह सुनिश्चित करें। इसी संबंध में एक महत्वपूर्ण राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक आगामी 12 जून को पटना में बुलाई गई है जिसमें मुख्यालय के सभी पदाधिकारी के साथ सभी जिला स्तरीय पदाधिकारीगण भाग लेंगे।


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