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इस तारीख तक बिहार में पुरानी पेंशन नही हुई लागू तो इस तारीख को सरकारी कर्मचारी मनाएंगे ब्लेक डे (black day)
पटना :- पुरानी पेंशन बहाली हेतु - आंदोलनरत नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम, बिहार की राज्य कार्यकारिणी द्वारा चलाए जा रहे सदस्यता अभियान के क्रम में दूसरे दिन आज भोजनावकाश में ग्रामीण विकास विभाग एवं राजस्व पर्षद में शुरुआत किया गया।
इस क्रम में पुराना सचिवालय स्थित ग्रामीण विकास विभाग एवं राजस्व पर्षद में प्रदेश अध्यक्ष वरुण पांडेय द्वारा श्री अरुण कुमार, एवम् श्री सुमित कुमार सिंह, बिहार सचिवालय सेवा तथा श्री राजीव रंजन प्रसाद, बिहार सचिवालय आशुलिपिक सेवा को एनएम ओपीएस बिहार का सदस्य बनाते हुए दोनों विभाग में सदस्यता अभियान की शुरुआत की गई दोनों विभाग के सभी एनपीएस कर्मियों से आह्वान किया गया कि आगामी 1 सितंबर को पूरे बिहार में एनपीएस कर्मियों द्वारा मनाए जा रहे ब्लैक डे कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें और यथाशीघ्र सभी एनपीएस कर्मी एनएम ओपीएस, बिहार के सदस्य बन जाए।
इस अवसर पर श्री शंकर प्रसाद सिंह, श्री हलवंत सिंह, श्री रवि रंजन, श्री संतोष सिंह, श्री सुशील कुमार, श्री निशांत कुमार, श्री प्रेम सहित कई एनपीएस कर्मी मौजूद रहें।
पुरानी पेंशन की लड़ाई में बिहार के लगभग 4 लाख नियोजित शिक्षक भी बढ़ चढ़ कर लेंगे भाग । विभिन्न शिक्षक संघो के नेताओ ने बताया कि बिहार सरकार के पास धनराशि की कोई कमी नही है कमी है तो शिर्फ़ इच्छा शक्ति की लेकिन हमोलोगों का भविष्य तो शिर्फ़ पुरानी पेंशन ही है जो हमलोगों के बुढापा का सहारा बनेगा । पुरानी पेंशन के लिए राज्यभर के नियोजित शिक्षक भी अब सरकार से आरपार के मूड में आ गई है।
34 महिला शिक्षकों को मिला सम्मान
पटना। राज्य के सभी 38 जिलों के 34 महिला शिक्षकों को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने के लिए लैपटॉप और प्रशस्ति पत्र देकर गुरुवार को सम्मानित किया गया।
महिला एवं बाल विकास निगम के सभागार में आयोजित समारोह में विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह ने महिला शिक्षकों को सम्मानित किया। विकास आयुक्त श्री सिंह ने महिला शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के लिए समेकित रूप से एक इकोसिस्टम विकसित करने की जरुरत है, ताकि सार्वजनिक स्थलों पर भी हर महिला के निजता का ख्याल रखा जा सके। माहवारी से सम्बंधित साफ-सफाई की कमी के कारण यूटीआई और अन्य प्रकार के फंगल संक्रमण का खतरा बना रहता है। माहवारी के दौरान किशोरियों और महिलाओं को पौष्टिक आहार मिलना चाहिये, ताकि एनीमिया से बचा जा सके। महिला एवं बाल विकास निगम माहवारी स्वच्छता प्रबंधन कार्यक्रम को राज्य स्तर पर आगे बढ़ाने के लिए क्रियाशील है।
इस दिशा में राज्यव्यापी क्रियान्वयन के लिए महिला एवं बाल निगम ने एक राज्य स्तरीय रोड मैप तैयार किया है, जिसमें 11 सम्बंधित विभागों को शामिल किया गया है। इसमें सभी विभागों की भूमिका तय की गयी है। सभी विभाग अपने स्तर पर आगामी दो साल की कार्ययोजना बना रहे हैं।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से माहवारी के प्रबंधन के लिए शिक्षा विभाग द्वारा सभी विद्यालय जाने वाली बालिकाओं के लिए डीबीटी के माध्यम से राशि भेजी जाती है। बहुत सारी बालिकाओं को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि यह राशि किस लिए दी जा रही है। माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के मास्टर ट्रेनर्स को इन मुद्दों पर बालिकाओं को जागरूक करने की जरुरत है।
निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्रीमती हरजोत कौर बम्हरा ने कहा कि माहवारी एक जैविक प्रकिया है, परन्तु इसको लेकर समाज में तरह- तरह की भ्रांतियां हैं एवं सही जानकारी का अभाव है। माहवारी के प्रति समाज की सोच को बदलना हैं। महिला शिक्षिकाएं इस क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान दे सकती हैं। इसी उद्देश्य से शिक्षिकाओं में लैपटॉप का वितरण किया गया है, ताकि आगे भी प्रभावी रूप से किशोरियों को स्वच्छ माहवारी प्रबंधन के प्रति सजग कर सकें। यूनिसेफ बिहार की प्रमुख सुश्री नफीसा बिन्ते शफीक ने कहा कि यह समय है माहवारी स्वच्छता प्रबंधन को समझने और किशोरियों को इस बारे में जागरूक करने की। माहवारी के लिए एक सक्षम वातावरण के निर्माण के लिए पुरुष महिला लड़के, लड़कियां सब को मिलकर घर और संस्थानों में महिलाओं के लिए सेनिटेशन और साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने की आवश्कता है। प्रारंभ में निगम के परियोजना निदेशक अजय कुमार श्रीवास्तव ने आयोजन के औचित्य की चर्चा की। निगम के निदेशक राजीव वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मंच संचालन यूनिसेफ की सलाहकार सुश्री रश्मि कुमार ने किया।