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राज्य सरकार के कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले
नयी दिल्ली । केंद्र के बाद अब राज्य सरकार के कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले होने वाली है। क्योंकि | राज्य सरकारों ने उनके लिए खजाने दिया है। इनमें बिहार सरकार लड्डू, लाखों ने दशहरे पर सरकार की सैलरी बढ़ाने क को बड़ा | तोहफा देने का फैसला किया है। राज्य सरकार बढ़े हुए महंगाई भत्ते की रकम अक्तूबर में कर्मचारियों को दो महीने के एरियर के साथ देगी। बिहार कैबिनेट ने हाल में इस फैसले को मंजूरी दी है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश | में भी इजाफे का ऐलान जल्द हो सकता है। एमपी गवर्नमेंट लाख कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और पेंशनरों को महंगाई राहत भत्ता देने का आदेश अक्तूबर में जारी करेगी ।
उधर, उत्तराखंड में भी महंगाई भत्ते में 11 फीसद की बढ़ोतरी का ऐलान का मुंह खोल दशहरे से पहले ही मिलेंगे हो गया है। कैबिनेट ने कर्मचारियों शुक्रवार शाम T नोटिफिकेशन कर्मचारियों गया ऐलान जारी कर दिया इससे अक्तूबर में सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़कर आएगी। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक उत्तराखंड के कर्मचारियों को केंद्र के समान डीए अक्तूबर से मिलेगा। इससे राज्य पर प्रतिमाह 150 करोड़ रुपये का भार आएगा। इन राज्यों में डीए बढ़ने से 15 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनरों को फायदा होगा।
अध्यापक की सेवाकाल में मौत पर वारिस को ग्रेच्युटी पाने का अधिकार : हाईकोर्ट
प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सेवानिवृत्त होने से पहले ही मौत पर अध्यापक के वारिसों को इस आधार पर ग्रेच्युटी देने से इनकार नहीं किया जा सकतासेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 किये जाने के बाद ग्रेच्युटी का विकल्प देने का निर्देश जारी किया गया। विकल्प सेवानिवृत्ति से एक वर्ष के भीतर देना था
किन्तु विकल्प भरने से पहले ही मौत हो गई। ऐसे में ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इंकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने याचिका मंजूर कर ली और तीन माह में ग्रेच्युटी की गणना कर निर्णय से याची को सूचित यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने सुशीला यादव, अभिषेक चंद्र सिन्हा व माया देवी की याचिकाओं पर दिया है। सभी याची वेसिक स्कूल के अध्यापक के वारिस हैं। इन्हें यह कहते हुए ग्रेच्युटी देने से इंकार कर दिया गया कि अध्यापक ने विकल्प नहीं दिया था। कोर्ट ने उषा रानी केस के फैसले के हवाले से से कहा कि मौत कभी भी हो सकती है।