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जानकारी के मुताबिक 2006 से 2015 के बीच नियुक्त तीन लाख 53 हजार 017 नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच पांच साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी है. ऐसे शिक्षक हैं, जिन्होंने जांच के लिए दस्तावेज निगरानी व शिक्षा विभाग को नहीं सौंपे हैं, उनकी संख्या 53 हजार से अधिक है.शिक्षा विभाग उन्हें नोटिस जारी करने जा रहा है. दरअसल, शिक्षा विभाग ने माना है कि दस्तावेज उपलब्ध न कराने की जवाबदेही सीधे शिक्षक की है. अगर वे दस्तावेज नहीं जमा करते हैं, तो उन पर अब सीधे कार्रवाई होगी।
28 तारीख तक नहीं कराई तो सभी नियोजित शिक्षकों का फरवरी से रुक जाएगा वेतन।
हाइकोर्ट ने सरकार को दिया अंतिम मौका फर्जी डिग्री वाले शिक्षकोंपर कार्रवाई का मांगा ब्योरा।
पटना हाइकोर्ट ने राज्य के सरकारी स्कूलों में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्री के आधार पर कार्यरत नियोजित शिक्षकों पर कार्रवाई करने को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की. हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वह इस मामले में अब तक की गयी कर्रवाई का पूरा ब्योरा दो सप्ताह में कोर्ट में पेश करे. चीफ जस्टिस संजय करोल की अध्यक्षता वाले खंडपीठ ने राज्य सरकार को अंतिम मौका देते हुए यह निर्देश दिया।
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शिक्षकों का भुगतान नहीं हुआ, तो आंदोलन।
मुजफ्फरपुर. परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने बैंक की लापरवाही से शिक्षकों का भुगतान लंबित होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. संघ के प्रमंडलीय संगठन प्रभारी लखन लाल निषाद ने कहा कि विगत एक सप्ताह से मात्र 16 एडवाइस बैंक को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) की ओर से बिहार सरकार मद के शिक्षकों का भुगतान के लिए बैंक भेजा गया. अभी तक सभी प्रखंडों का भुगतान नहीं होने पर संगठन ने नाराजगी जाहिर की है. इसकी जानकारी लेने परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघका प्रतिनिधिमंडल जब बैंक पहुंचा, तो दो-तीन दिन और लगने की बात कही गयी. निषाद ने कहा कि हर हाल में शिक्षकों का ससमय बैंक को भुगतान करना होगा, अन्यथा आंदोलन झेलने को तैयार रहें. प्रतिनिधि मंडल मे लखन लाल निषाद, मुनींद्र कुमार झा, संजय ठाकुर, मुन्ना यादव आदि शामिल थे।