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पंजाब के शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिगला ने तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने विधान सभा क्षेत्र संगरूर में एक दिन की भूख हड़ताल की। भूख हडताल में इलाके के 200 आढ़तियों ने सिगला का साथ देकर किसान यूनियनों की मांगों का समर्थन किया।
भूख हड़ताल के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए सिगला ने कहा कि किसानों द्वारा शुरू किया गया संघर्ष सच्चा व मजबूत जन-आंदोलन बन चुका है। जिसमें लोग जाति, धर्म और पेशे को पीछे छोड़ते हुए अपनी भूमिका निभा रहे है। पंजाब में आढतियों और किसान के बीच नाखून व मांस जैसा अटूट रिश्ता है। जो सौ सालों से चल रहा है।
शिक्षा मंत्री ने काले कानूनों को निरस्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद का शीतकालीन सत्र जल्द बुलाने की अपील की। उन्होंने जोर देकर कहा कि काले कानून भारतीय लोकतंत्र के संघीय ढांचे पर हमला हैं। शिक्षा मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार उन मुद्दों पर कानून बनाने की कोशिश कर रही है जो उसके दायरे में नहीं हैं। ताकि वह अपने चहेते उद्योगपतियों को लाभ पहुंचा सके।
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उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इन छापों के माध्यम से राज्य के आढतियों को डराना चाहती थी जो इस संघर्ष में अपने किसानों का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी विभाजनकारी विचारधारा के माध्यम से संघर्ष को जाति और धर्म के आधार पर विभाजित करने की कोशिश कर रही थी जिसमें वह बुरी तरह से विफल चुकी है और आयकर विभाग के यह छापे केंद्र सरकार की बौखलाहट का नतीजा हैं। इस मौके पर जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन राजिदर राजा, मार्केट कमेटी संगरूर के चेयरमैन अनिल घीचा, नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन नरेश गाबा, पंजाब स्माल इंडस्ट्रीज कार्पोरेशन के वाइस चेयरमैन महेश कुमार मेशी, डायरेक्टर इन्फोटेक पंजाब सतीश कांसल, सीनियर कांग्रेसी नेता अमरजीत सिंह टीटू, जसपाल शर्मा पाली, बलबीर कौर सैनी, विजय गुप्ता, सोमनाथ बांसल मंडी प्रधान संगरूर, बिदर बांसल, पंजाब कांग्रेस लीगल सैल प्रधान एडवोकेट गुरतेज बांसल, परमिदर शर्मा समेत कांग्रेसी नेता, आढ़ती एसोसिएशन के प्रतिनिधी व अन्य उपस्थित थे।