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कोरोना वैक्सीन को लेकर गुड न्यूज है। जल्द ही यह शहर में आने वाली है, जिसकी तैयारियों को लेकर एक लाख सिरिंज जालंधर पहुंच चुकी हैं। अब तक 13 हजार से ज्यादा फ्रंट लाइन वर्करों का डेटा अपलोड हो चुका है और पहले चरण में 10 हजार हेल्थ वर्करों को वैक्सीन लगाई जाएगी। डीसी घनश्याम थोरी और सिविल सर्जन गुरिंदर कौर चावला ने निर्देश जारी किए हैं कि सेंटर में जो व्यक्ति वैक्सीनेशन के लिए जाएगा, सबसे पहले कमरे में पुलिस कर्मी चेकिंग करेगा और सैनिटाइज करवाएगा। फिर स्पोर्ट स्टाफ कर्मी का नाम, पोर्टल और आईडी प्रूफ चेक करेगा। इसके बाद एएनएम यानी वैक्सीनेटर डोज लगाएंगी।
सेंटर में ही तीसरे कमरे में व्यक्ति आधे घंटे तक आराम करेगा। इसी तरह सेंटर में तीन कमरे बनाए जाएंगे।मंगलवार को इस संबंध में डीसी, सीएस और जिला टीकाकरण अफसर डॉ. सीमा की हेल्थ वर्करों की मीटिंग हुई। इस दौरान जिन 33 सेंटरों का चयन किया गया है, उनमें 24 शहर और 9 देहात में हैं। एक सेंटर में 5 कर्मचारी तैनात रहेंगे। इनमें एक वैक्सीनेटर, 2 स्पोर्टिव स्टाफ, एक पुलिस कर्मचारी और एक व्यक्ति को 100 हेल्थ वर्करों के लिए दस्तावेज चेक करने के लिए तैनात किया जाएगा। जिला प्रशासन और सेहत विभाग की मंगलवार को हुई मीटिंग में टास्क फोर्स के सदस्य और कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। बता दें कि किसी व्यक्ति की तबीयत बिगड़ने पर उसे संभालने के लिए सभी साइट पर एंबुलेंस भी मौजूद रहेगी।
प्रोसेस...वैक्सीनेशन के बाद आधा घंटा डॉक्टर की निगरानी जरूरी
फ्रंटलाइन वर्करों का डेटा केंद्र सरकार की वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है। पोर्टल में डॉक्टर का नाम, पोस्टिंग की जगह, पद और पहचान पत्र (पैन कार्ड, सर्विस आईडी प्रूफ, पासपोर्ट, आधार कार्ड) को वेरिफिकेशन के लिए अपलोड करना होगा। जिले में सेहत विभाग की टास्क फोर्स और इम्यूनाइजेशन की टीमों द्वारा पहले चरण में जिले के 10 हजार फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन लगाई जा सकती है। सेहत विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार तक जिले के 13 हजार से अधिक फ्रंटलाइन हेल्थ वर्करों का डेटा अपलोड किया जा चुका है। इसमें सरकारी अस्पतालों के हेल्थ वर्करों की संख्या 6600 से अधिक है। वहीं जनवरी के पहले हफ्ते में फ्रंटलाइन वर्करों को कोरोना की वैक्सीन की पहली डोज लगने की उम्मीद है। इन सबके बीच में प्राइवेट डॉक्टरों का कहना है कि वह अभी शुरुआत में कोरोनावायरस की वैक्सीन लगवाने के हक में नहीं है क्योंकि अभी उन्हें नहीं पता कि वैक्सीन की शुरुआत में क्या साइड इफेक्ट होंगे और क्या नहीं।
दूसरी डोज के बाद एंटीबॉडी होगी विकसित
सेहत मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक हर व्यक्ति को वैक्सीन की दो डोज लगेंगी। दोनों डोज में 28 दिन का अंतर होगा। बीमारी से लड़ने की एंडीबाॅडी हमारे शरीर में दूसरी डोज के बाद 14 दिन में विकसित होगी। पहले चरण में हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाने के बाद 50 साल से ज्यादा और 50 साल से कम के उन लोगों को वैक्सीन लगेगी, जो कोमोर्बिड कंडीशन के पीड़ित हैं। इन सेंटरों का हुआ चयन सिविल अस्पताल, अर्बन कम्युनिटी हेल्थ सेंटर दादा काॅलोनी, बस्ती गुजां, खुरला किंगरा, अर्बन पीएचसी गढ़ा, सीएचसी पीएपी, ईएसआई अस्पताल, पिम्स अस्पताल, गुरु नानक मिशन अस्पताल, एनएचएस अस्पताल, श्रीमन अस्पताल, कैपीटोल अस्पताल, गुलाब देवी अस्पताल, भूटानी अस्पताल, न्यू रूबी अस्पताल, किडनी अस्पताल, सेक्रेड हार्ट अस्पताल, पटेल अस्पताल, शिंगारा सिंह अस्पताल, एसजीएल अस्पताल, जौहल अस्पताल, गुरु तेग बहादुर चेरिटेबल अस्पताल, घई अस्पताल, जोशी अस्पताल समेत 33 सेंटर्स का वैक्सीनेशन के लिए चयन किया गया है।