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शिक्षकों के ईपीएफ को ले अवमानना वाद दायर
पटना : राज्य के पंचायतीराज और नगरनिकायों के अंतर्गत सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों तथा पुस्तकालाध्यक्षों के ईपीएफ (आकस्मिक भविष्य निधि) मामले को लेकर शिक्षा विभाग के विरुद्ध अवमानना की एक याचिका (वाद संख्या एमजेसी-781/2021) दायर किया गया है। याचिकाकर्ता सिद्धार्थ शंकर ने बताया कि पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय द्वारा 17 सितंबर, 2019 को (सीडब्ल्यू जेसी-1906/2019) के तहत।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजय कुमार सिंह ने सभी सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के लिए जारी किया आदेश।
नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालाध्यक्षों को 60 दिनों के अंदर ईपीएफ का लाभ देने का आदेश दिया गया था।
राज्य सरकार द्वारा न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया गया। सरकार ने शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ न देकर 31 अगस्त, 2020 तक नियुक्त शिक्षकों व पुस्तकालाध्यक्षों को एक सितंबर, 2020 से तथा 31 अगस्त, 2020 के बाद नियुक्त शिक्षकों व पुस्तकालाध्यक्षों को उनकी नियुक्त तिथि से ईपीएफ का लाभ देने का आदेश जारी किया गया।
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एसटीईटी प्रमाणपत्र नौकरी पाने की उम्र तक रहेगा मान्य
पटना : सरकार टीईटी और एसटीईटी प्रमाणपत्र को जीवन भर के लिए मान्य करने पर विचार कर रही है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षक परिषद (एनसीटीई) से पत्र मिलते ही पहल को शिक्षा विभाग अमलीजामा पहना देगा। राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) और शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर पूछे गए सवाल पर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने विधान परिषद में यह घोषणा की।
शिक्षा मंत्री ने नवल किशोर यादव और सुबोध कुमार के ध्यानाकर्षण पर मंगलवार को सदन में यह जानकारी दी। मंत्री ने सदन को बताया कि एनसीटीई ने वेबसाइट पर जानकारी डाल दी है, लेकिन अधिकृत पत्र का इंतजार है। उन्होंने कहा कि पॉजिटिव इफेक्ट्स से केंद्र की तर्ज पर बिहार में भी एसटीईटी प्रमाणपत्र की मान्यता आजीवन होगी। पहली कक्षा से आठवीं तक की शिक्षक नियुक्ति के लिए टीईटी प्रमाणपत्र और नौवीं से 12वीं तक के लिए एसटीईटी प्रमाण पत्र देना होता है। वर्तमान में 2012 टीईटी और एसटीईटी प्रमाणपत्र मान्य है। पहले सात वर्ष और फिर दो वर्ष के लिए प्रमाणपत्र की वैधता बढ़ाई गई थी।