
नौ माह हो गये 1ली से 8वीं के बच्चों को घंटी की आवाज सुनेपटना। राज्य में 1ली से 8वीं कक्षा के बच्चों के क्लासरूम के ताले खोले बिना ही साल 2020 विदा ले रहा है। इन बच्चों के क्लासरूम के ताले 292 दिनों से बंद हैं। अगर अलविदा कह रहे वर्ष के अंतिम दिन को भी इसमें जोड़ लें, तो क्लासरूम के ताले नहीं खुलने के दिन 293 हो गये। मायने यह कि साल 2020 के 365 दिनों में 293 दिन कोरोनाकाल की भेंट चढ़ गये। स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गत अप्रैल माह से शुरू हुए नये शैक्षिक सत्र में तो स्कूलों में ली से 8वीं कक्षा की घंटी बजी ही नहीं है।
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इस शैक्षिक सत्र के 12 महीनों में नौ माह गुजर चुके हैं। सरकारी स्कूलों की बात करें, तो72 हजार में ली से 8वीं कक्षा में कक्षा की पढ़ाई होती है। बाकी प्राइमरी नामांकित बच्चों की संख्या तकरीबन। स्कूल हैं, जिनमें 5वीं कक्षा तक की करोड़ 66 लाख है। इन 72 हजार पढ़ाई होती है। इसके साथ ही 1ली से स्कूलों में से तकरीबन साढ़े 28 हजार 8वीं की पढ़ाई वाले 10 हजार से ज्यादा मिडिल स्कूल हैं, जिनमें 1 ली से 8वीं प्राइवेट स्कूल हैं 1ली से 8वीं कीपढ़ाई वाले माइनरिटी स्कूल हैं।मदरसे एवं संस्कृत स्कूल भी हैं।
अगर सभी कोटि के स्कूलों को शामिल करलें, तो इनकी संख्या तकरीबन एक लाख तो हो ही जायेगी। इनमें ली से ऽवीं कक्षा में ढाई करोड़ बच्चे तो होंगे ही। ऐसे बच्चों के कान स्कूल में घंटी की आवाज सुनने के लिए तरस गये हैं। इसलिए कि देश में जैसे ही कोरोना ने कहर बरपाना शुरू किया, राज्य की सरकार स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी एवं कोचिंग सहित सभी कोटि के शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर सर्तक हो गयी। गत 13 मार्च को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए तमाम शिक्षण संस्थान बंद करने का फैसला लिया