
पटना। देश में साक्षरता की एक नयी योजना शुरू होने वाली है । यह योजना 'नवभारत साक्षरता कार्यक्रम' के नाम से चलेगी । पांच वर्षों तक चलने वाली यह योजना इसी साल शुरू होगी। यह साक्षरता की केंद्र प्रायोजित योजना होगी। यह योजना इसी साल यानी वर्ष 2021 में शुरू होकर वर्ष 2026 तक चलेगी। साक्षरता की इस केंद्र प्रायोजित योजना पर राज्यों के साथ केंद्र की रायशुमारी चल रही है। इस योजना को लेकर मंगलवार को केंद्रीय शिक्षा सचिव राज्यों के शिक्षा सचिव के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग करेंगे। विस्तार से बात करेंगे। सुझाव करेंगे । इस योजना में 50 फीसदी असाक्षर ऑनलाइन पढ़ेंगे, जबकि बाकी 50 फीसदी ऑफलाइन। आपको बता दें कि राज्य में प्रौढ़ शिक्षा की नयी उन्मूलन योजना भी शुरू हो रही है ।
'पढ़ना लिखना अभियान' नामक यह योजना भी केंद्र प्रायोजित है। इस योजना के तहत राज्य में पंद्रह वर्ष और इससे अधिक उम्र के चार लाख बीस हजार प्रौढ़ों को साक्षर बनाया जाना है । यह वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-2021 के लिए तत्काल प्रभाव से लागू की गयी है। इसके तहत वर्ष 2025 तक सभी असाक्षर वयस्कों को बुनियादी साक्षरता प्रदान करने का लक्ष्य है। बुनियादी साक्षरता का अर्थ अखबारों का शीर्षक पढ़ने, यातायात चिन्ह समझने, आवेदन पत्र भरने में कुशलता प्राप्त करने, चिट्ठी लिखने-पढ़ने की जानकारी हासिल करने तथा दो अंकों के जोड़, घटाव, गुणा एवं भाग सीखने से है । योजना के कार्यान्वयन को लेकर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार द्वारा सभी जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिये जा चुके हैं । इस योजना में महिला अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक एवं अन्य वंचित कमजोर तबके को प्राथमिकता दी जानी है। योजना का क्रियान्वयन तमाम निरक्षरता वाले जिलों में किया जायेगा। योजना के तहत राज्य में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर असाक्षरों की संख्या बल के आधार पर 13 जिलों को प्राथमिकता के आधार पर चयन किया गया है।
हालांकि, राज्य सरकार को यह स्वतंत्रता दी गयी है कि वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला समूह में असाक्षरों की जनसंख्या बल के आधार पर प्राथमिकता तय कर सकती है। यह योजना ग्रामीण एवं शहरी दोनों ही क्षेत्रों के लक्ष्य समूह के लिए है। राज्य सरकार को यह भी स्वतंत्रता है कि वह सभी जिलों या कुछ जिलों को योजना के क्रियान्वयन के लिए चयन कर सकती है । जिला स्तरीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति असाक्षरों की पहचान कर योजना का क्रियान्वयन करायेगी। असाक्षरों की पहचान एवं उन्हें बुनियादी साक्षरता प्रदान करने के कार्य में पंचायती राज व्यवस्था यानी ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, जिला परिषद, प्रखंड स्तरीय समिति की सहभागिता होगी। इसके कार्यान्वयन की तैयारी है इसके लिए राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण' के पुनर्गठन का प्रस्ताव है।इसके पहले राष्ट्रीय स्तर पर साक्षरता की केंद्र प्रायोजित योजना 'साक्षर भारत' चली थी । यह योजना साल 2014 में शुरू होकर वर्ष 2018 में 31 मार्च को समाप्त हुई।