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उपर्युक्त विषयक सादर कहना है कि
(i) उक्त नियमावली के कंडिका - (iii) में अंकित है कि इसमें वे ही महिला एवं दिव्यांग शिक्षक / पुस्तकालयाध्यक्ष सम्मिलित हो सकेंगे जिनके प्रमाण पत्र की जाँच सक्षम स्तर से होकर सही पाई गयी हो। जबकि जिन शिक्षकों से दर्जनों बार प्रमाण - पत्र लिया गया उनका जाँच हुआ कि नहीं यह किसी को पता ही नहीं है। शिक्षकों का कार्य प्रमाण पत्र जमा कराना है न कि जांच कराना। इसलिए प्रमाण पत्र जमा करा चुके सभी शिक्षकों को स्थानांतरण सुविधा का लाभ दिया जाए । -
(i) कंडिका (ड.) में अंकित है कि जिन शिक्षक / पुस्तकालयाध्यक्ष की नियुक्ति दिव्यांग के लिए आरक्षित पद के विरुद्ध हुआ हो वे ही दिव्यांग श्रेणी में माने जायेंगे।
अब कर्मचारी भविष्य निधि EPFO के खाते को अलग करने की तैयारी।
जबकि वर्ष 2003 एवं वर्ष 2005 में नियोजित शिक्षामित्र जिनका समायोजन 1 जुलाई 2006 को पंचायत प्रखंड शिक्षक के रूप में किया गया के बहाली के समय दिव्यांग के लिए कोई आरक्षित पद ही नहीं था। उस समय दिव्यांग भी सामान्य श्रेणी में ही बहाल हुए। बहुत से ऐसे शिक्षक है जो बहाली के समय दिव्यांग नहीं थे किन्तु बहाली के बाद दुर्घटनावश दिव्यांग हो गए। जिस प्रकार आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार भी सामान्य श्रेणी में बहल हो जाते है उसी प्रकार बहुत से दिव्यांग उम्मीदवार भी मेघा अंक के आधार पर सामान्य श्रेणी में बहाल हो गए। इसलिए आज की तिथि में दिव्यांग सभी शिक्षकों को स्थानांतरण का लाभ दिया जाए।
अतः श्रीमान् से निवेदन है कि उक्त नियमावली के दोनों कंडिका को संसोधित करने की कृपा की जाए ।