
राज्य के प्राथमिक और हाइ स्कूलों में 40518 प्रधान शिक्षक व 6421 हेडमास्टरों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है. इसी महीने शिक्षा विभाग बिहार लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेज देगा. महीने के अंत तक विज्ञापन भी जारी हो जाने की संभावना है, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक 6421 स्कूलों में प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के लिए रोस्टर क्लियरेंस पूरा हो चुका है. वहीं 40518 प्रारंभिक स्कूलों के लिए प्रधान अध्यापक पद के लिए रोस्टर क्लियरेंस 32 जिलों में हो चुका है, बाकी जिलों के रोस्टर क्लियरेंस इसी सप्ताह में पूरा होने की उम्मीद है. सूत्रों के मुताबिक प्रधानाध्यापक का संवर्ग प्रमंडलीय होने की वजह से रोस्टर क्लियरेंस प्रमंडलीय आयुक्त के जरिये हुआ है.
लिखित परीक्षा से दोनों पदों का होगा चयन: जहां तक प्रधान अध्यापक के रोस्टर क्लियरेंस का सवाल है, 32 जिला पदाधिकारी कार्यालयों ने यह क्लियरेंस कर दिया है. केवल पटना, सीवान, गोपालगंज, मधुबनी, किशनगंज और मुंगेर जिलों के डीएम कार्यालयों से अभी क्लियरेंस रिपोर्ट हासिल नहीं हुई है.
बड़ों की तुलना में बच्चे तेजी से में फैला सकते हैं कोरोना वायरस
• वंद सार्वजनिक स्थलों पर बच्चों को ले जाने से बढ़ता खतरा
• अधिकतर बच्चों में नहीं दिखते लक्षण, दूसरों को कर सकते रोगी
कोरोना संक्रमितों की संख्या कम हुई है, लेकिन वायरस आसपास मौजूद है। वायरस की प्रकृति के अनुसार तीसरी लहर आनी तय है। एक ओर ओमिक्रोन का खतरा मंडरा रहा है. तो दूसरी ओर ब्रिटेन व स्पेन जैसे देशों में बच्चों में संक्रमण के मामले बढ़े हैं। पूर्व की लहरों में पाया गया है कि अधिकतर संक्रमित बच्चों में लक्षण नहीं दिखते हैं। ऐसे में सुपर स्प्रेडर बनकर संक्रमण के मामले बढ़ा सकते हैं। बच्चों को कोरोना अनुकूल व्यवहार का पालन करने की आदत डलवाएं बंद सार्वजनिक स्थलों पर नहीं ले जाएं। ऐसा नहीं करने पर उनसे घर के बुजुर्गों, बीमार लोगों और कमजोर इम्युनिटी वाले सदस्यों को संक्रमण हो सकता है। ये बातें एम्स पटना में शिशु रोग के विभागाध्यक्ष डा. लोकेश तिवारी ने कहीं।
डा. लोकेश के अनुसार डेल्टा हो या ओमिक्रोन उम्र देखकर संक्रमित नहीं करता है। बच्चों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाना जरूरी है तो दो गज की दूरी, मास्क व अंजान सतह को छूने के बाद हाथ से नाक-मुंह नहीं छूने की आदत डलवानी चाहिए।
बूस्टर डोज पर निर्णय अध्ययन के बाद
नई दिल्ली: कोरोना महामारी से और अधिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए लोगों को बूस्टर डोज देने का निर्णय ओमिक्रोन वैरिएंट पर मौजूदा वैक्सीन के प्रभाव का पता चलने के बाद ही किया जाएगा। सोमवार को एनटागी (नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप आन इम्युनाइजेशन) की बैठक में यह तय किया गया।