
अनुदानित मदरसा तथा संस्कृत विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों तथा शिक्षकों को बिना लिखित परीक्षा के अनुभव के आधार पर पूर्ण वेतनमान (9300-34800) दिया जा सकता है तो अनुभवी नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को समान वेतनमान दक्षता परीक्षा पास करने के बावजूद क्यों नहीं।
पटना।अखिल भारतीय शिक्षा मंच के अध्यक्ष आलोक आजाद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा की जब अनुदानित मदरसा तथा संस्कृत विद्यालयों के प्रधानाध्यापक तथा शिक्षकों को पूर्ण वेतनमान मिल सकता है तथा बिना प्रतियोगिता परीक्षा के प्रधानाध्यापक का पद तथा समकक्ष वेतनमान दिया जा सकता है तो बिहार के नियोजित शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षो तथा अन्य वित्तरहित अनुदानित शिक्षकों को क्यों नहीं आलोक आजाद ने कहा कि राज्य के अराजकीय प्रस्वीकृत 1129 मदरसा एवं 531 संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों तथा शिक्षकेत्तर कर्मियों को शिक्षा विभाग के संकल्प संख्या 970 दिनांक 31.08.13 के द्वारा 15.02.2011 के पूर्व नियुक्त कर्मियों को पष्टम पुनरीक्षित वेतन संरचना में अनुदान के रूप में पूर्ण वेतनमान प्रदान किया गया।
इसके बाद सरकार के पत्रांक 237 दिनांक 7.03.2019 के क्रम संख्या 2 के अनुसार बिहार सरकार ने संकल्प जारी कर बताया को बिहार के मदरसा और संस्कृत शिक्षक संघ की मांग के अनुसार मदरसा और के संस्कृत शिक्षक तथा कर्मचारियों को राज्य के सरकारी शिक्षक/ शिक्षकेत्तर कर्मियों के अनुरूप सप्तम वेतन पुनरीक्षण की मांग पर सम्यक विचारोपरांत राज्य सरकार ने मदरसा तथा संस्कृत विद्यालयों के लिए स्वीकृत पद के विरुद्ध कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को वेतन भुगतान निमित अनुदान देने के लिए 1.01.2016 के प्रभाव से सरकारी शिक्षकों के लिए स्वीकृत वेतनमान को आधार बनाने की स्वीकृति प्रदान की है। आलोक आजाद ने बताया की इसके अनुसार बिहार के सभी अनुदानित मदरसा तथा संस्कृत विद्यालयों में 15.02.2011 के पूर्व बहाल सभी प्रधानाध्यापकों को 1.01.2006 से पुनरीक्षित वेतनमान 9300-34800 तथा ग्रेड पे- 4600 जो सप्तम वेतनमान में लेवल-7, 44900 हो गया दिया गया जबकि शिक्षकों की 9300- 34800 तथा ग्रेड पे- 4200 दिया गया जोकी सप्तम वेतनमान में लेवल-6 35400 दिया गया।
वहीं दूसरी ओर नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के लगातार हड़ताल तथा आंदोलन के बाद सरकार के संकल्प संख्या 1530 दिनांक 11- 08-2015 के द्वारा जारी पत्र के अनुसार बिहार के सभी नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को 5200-20200 का अधूरा वेतनमान दक्षता परीक्षा में पास होने के बाद दिया गया। एक और सरकार के द्वारा बहाल शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को दक्षता परीक्षा में पास होने के बावजूद समान काम समान वेतन के स्थान पर कटौती के साथ अल्प वेतन के रूप में चाइनीज वेतनमान की नीति वहीं दूसरी और स्थानीय स्तर पर बहाल अनुदानित मदरसा तथा संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों तथा शिक्षकेतर कर्मचारियों को पूर्ण वेतनमान अनुदान के रूप में प्रदान करना बिहार के नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के साथ अन्याय है।
आलोक आजाद ने न्याय के साथ विकास की नीति की बिहार के नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को अनुदानित मदरसा तथा संस्कृत विद्यालयों के तर्ज पर 9300-34800 का वेतनमान लागू करने का मुख्यमंत्री से आग्रह किया तथा कहा की जब अनुदानित मदरसा तथा संस्कृत विद्यालयों में कमिटी द्वारा बहाल प्रधानाध्यापक, शिक्षकों तथा शिक्षकेतर कर्मचारियों को अनुदान के रूप में पूर्ण वेतनमान दिया जा सकता है तो 15.02.2011 के पूर्व बहाल नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को जोकी शिक्षा विभाग बिहार सरकार द्वारा आयोजित दक्षता परीक्षा पास हैं, सरकारी विद्यालयों में कार्यरत हैं तथा सरकार के द्वारा इनके नियोजन काल से ही लगातार वेतन भुगतान किया जा रहा है. ऐसे शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को पूर्ण वेतनमान 9300-34800 क्यों नहीं मिल सकता है।