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PATNA : राज्य के राजकीयकृत उच्च विद्यालयों के 30 सहायक शिक्षक, 17 लिपिक और 196 परिचारी को ऐच्छिक अंतर प्रमंडलीय स्थानातंरण किया गया है. शिक्षा विभाग की ओर से इसकी अधिसूचना इस साल 30 जून से जारी की गई है. अधिसूचना के मुताबिक बिहार राजकीयकृत माध्यमिक विद्यालय सेवा शर्त (संशोधन) नियमावली - 2006 में तय प्रविधान के तहत ये तबादले किए गए हैं.
वेतन भुगतान की रिपोर्ट तलब।
PATNA: प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने अप्रशिक्षित शिक्षकों का वेतन भुगतान संबंधी प्रतिविधि सभी जिलों से 24 घंटे में उपलब्ध कराने को कहा है. इसके लिए निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को 24 घंटे का समय दिया है।
दिव्यांग जनों के सहयोगी को अब मिलेंगे पांच सौ रुपये
पटना : प्रतियोगी परीक्षाओं में दिव्यांग जनों के सहयोगियों (श्रुतिलेखक) को अब सौ की जगह पांच सौ रुपये मिलेंगे। अगर परीक्षा लगातार दो पालियों में होगी तो दोनों पाली के आठ सौ रुपये दिए जाएंगे। एक पाली के लिए सौ रुपये की पारिश्रमिक का निर्धारण 2007 में हुआ था। इसे पुनरीक्षित कर पांच सौ रुपये कर दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग की यह अधिसूचना विभागीय प्रधानों के अलावा प्रमंडलीय आयुक्तों, जिलाधिकारियों एवं प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करने वाले सभी संस्थाओं को भेज दी गई है। परीक्षा में सहयोगी रखने की सुविधा नेत्रहीन या दृष्टिबाधित अभ्यर्थियों को दी जाती है। स्थायी रूप से हाथ नहीं रहने या सेरेब्रल पाल्सी के ग्रसित अभ्यर्थी भी सहयोगी रखते हैं। इस श्रेणी के अभ्यर्थियों को परीक्षा में प्रति घंटा 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाता है। यही परीक्षा एक घंटे से अधिक समय तक होती है, उस हालत में प्रति घंटा 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाता है, लेकिन एक पाली में अधिकतम 45 मिनट का ही अतिरिक्त समय दिया जाएगा। अगर परीक्षा एक घंटे से कम समय हो तो अतिरिक्त समय का निर्धारण अनुपातिक विधि से होगा, लेकिन पांच मिनट से कम नहीं होगा।
शिक्षकों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देगा यूनिसेफ।
पटना : राज्य के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को यूनिसेफ की टीम आपदा प्रबंधन का विशेष प्रशिक्षण देगी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के निर्देश पर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने 21 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को तैयार किया है। इसमें सभी 38 जिलों के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शारीरिक शिक्षकों की भागीदारी होगी। ऐसे शिक्षक मास्टर ट्रेनर होंगे जो अपने-अपने विद्यालय में छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को दुर्घटनाओं को रोकने और उससे बचाव के बारे में जानकारी देंगे। पहले चरण में छह जुलाई से 50 शिक्षकों को आवासीय प्रशिक्षण आरंभ होगा, जो तीन दिनों तक चलेगा। इसी तरह हर बैच को तीन-तीन दिनों को प्रशिक्षण मिलेगा। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के मुताबिक विद्यालयों में आपदा प्रबंधन के तहत विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को तत्काल प्राथमिक उपचार की व्यवस्था और बचाव के उपाय की जानकारी होना जरूरी है।