
बच्चों में पढ़ाई को रुचिकर बनाने तथा ज्ञानार्जन की भूख जगाने के लिए 100 दिवसीय 'पठन अभियान' चलेगा। पहली जनवरी से ही इसकी औपचारिक शुरुआत कर दी गई है। हालांकि सोमवार 3 जनवरी से यह जमीन पर 3 दिखने लगे, इस कोशिश में राज्य सरकार का शिक्षा महकमा जुटा है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को इस अभियान के संचालन की महती जिम्मेवारी दी गई है।
शिक्षा और खासकर कम उम्र के बच्चों में पढ़ने का आनंद पैदा करने के मकसद से केंद्र सरकार के स्कूल, शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस अभियान की पूरी परिकल्पना और इसे जमीन पर उतारने की कार्ययोजना तैयार की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने शनिवार को ही बिहार समेत देश के सभी राज्यों के लिए इस 100 दिवसीय पठन अभियान को लांच किया है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री ने पठन अभियान को सफल बनाने को लेकर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को खास तैयारी करने का निर्देश दिया है। पहली जनवरी से अप्रैल तक 100 कार्यदिवस तक इस विशेष मुहिम से बाल वाटिका से लेकर आठवीं कक्षा के करीब दो करोड़ बच्चे जुड़े रहेंगे। बोईपी निदेशक ने अभियान के खूब प्रचार-प्रसार करने का भी निर्देश दिया है।
इस मुहिम से बच्चों को जोड़ने की जवाबदेही भी तय कर दी गई है। स्कूल इसकी बुनियाद में रहेंगे जबकि मुहल्ला, टोला, समाज को भी जोड़ना होगा। 14 सप्ताह की निरंतर गतिविधि में बच्चों में पढ़ने की आदत डालने को लेकर शिक्षक अभिभावक, समुदाय, शिक्षा महकमे के आलाधिकारी व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित कराई जाएगी। स्कूलों, शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, बीआरसी, सीआरसी, स्वयंसेवक, सभी वर्गों के विद्यार्थी, एनसीसी एनएसएस के वोलेंटियर पठन अभियान का हिस्सा बनेंगे।