
वर्ष 2003, 2005, 2006 एवं 2008 के बहाल शिक्षकों की समस्याओं का निदान करने की राष्ट्र के विकास कि मुख्यधारा से बच्चों को जाउने एवं उन्हें गुणवतापूर्ण शिक्षा देने की जिम्मेवारी शिक्षकों की है, जिसका निवेदन सभी शिक्षक सफलतापूर्वक करते आ रहे है, परंतु राज्य सरकार के उदासीन रवैया से सूबे के शिक्षक उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। सरकार ने नई संरचना का वेतनमान दो दिया लेकिन प्रतिमाह वेतन भुगतान संभव नहीं हो पा रहा है, जिससे बेहतर शि की परिकल्पना खोखली साबित होती जा रही है, सरकार ने पंचायतीराज अन्तर्गत कार्यरत शिक्षकों के वर्तमान वेतन संरचना में 1 अप्रैल 2021 क देय मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि करने की स्वीकृति संख्या- 11/ वि.1-03/2013 (2) 1157 दिनांक 29.08.2020 को दे दिया है लेकिन शिक्षकों को लाभ मिल रहा है।
शिक्षकों की मुख्य माँग है कि (1) वर्ष 2003, 2005, 2006 एवं 2008 के शहाल शिक्षकों की नियुक्ति तिथि को आधार मानकार वरीय शिक्षक की दर्जा देने की स्वीकृति दी जाए। (2) वर्ष 2003, 2005, 2006 एवं 2008 के बहाल शिक्षकों को अनुभव एवं कार्यावधि के आधार पर 2400 का ग्रेड-पे का लाभ देने की स्वीकृति दी जाए। (3) वर्ष 2003, 2005 2006 एवं 2008 के बहाल शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जी सहित पूर्ण वेतनमान देने की स्वीकृति देने की कृपा की जाए। (4) वर्ष 2003, 2005, 2006 एवं 2008 के बहाल शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की स्वीकृति देने की कृपा की जाए। अतः श्रीमान् से सदर अनुरोध है कि उपरोक्त बातों पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जाए।