
अबतक 15% वेतन वृद्धि नहीं हो सकी, स्थानांतरण भी लटका हुआ है: नवलकिशोर सिंह।
बिहार प्रदेश प्रारंभिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष नवलकिशोर सिंह ने राज्य के चार लाख पंचायतीराज एवं नगर निकाय शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं ने निराकरण के लिए पत्र के माध्यम से शिक्षा मंत्री से संघ के साथ वार्ता का अनुरोध किया है। अध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान में शिक्षक विभिन्न तरह की समस्याओं से त्रस्त हैं। अबतक 15% वेतन वृद्धि नहीं हो सकी, स्थानांतरण भी लटका हुआ है, ससमय वेतन भुगतान न होना, नवप्रशिक्षित शिक्षक का एरियर भुगतान बाधित होना, अप्रशिक्षित शिक्षक का वेतन भुगतान बाधित होना, प्रधानाध्यापक प्रधान शिक्षक नियुक्ति नियमावली निरस्त करने आदि प्रमुख मांगें हैं। उक्त समस्याओं को लेकर उन्होंने संघ के साथ वार्ता का अनुरोध किया है, ताकि ससमय सभी समस्याओं का निराकरण हो सके। प्रदेश मीडिया प्रभारी मृत्युंजय ठाकुर ने उम्मीद जताई है कि शिक्षा मंत्री यथाशीघ्र समस्याओं के निराकरण को लेकर रास्ता निकालेंगे। श्री ठाकुर ने कहा कि अगर समस्याओं का यथाशीघ्र निराकरण नहीं होता है तो संघ बाध्य होकर आंदोलन को विवश होगा।
आईआरसीटीसी की वेबसाइट में स्कूली छात्र ने पकड़ी खामी।
चेन्नई। एक स्कूली छात्र ने आईआरसीटीसी के ई टिकट प्लेटफॉर्म पर एक ऐसी गड़बड़ी पकड़ी, जिससे कस्टमर का डाटा लीक होने की संभावना रहती थी। चेन्नई के 12वीं कक्षा के छात्र पी रेंगानाथम की तरफ से बुकिंग साइट पर इनसिक्योर डायरेक्ट ऑब्जेक्ट रेफरेंस (आईडीओआर) की मौजूदगी को लेकर चेतावनी जारी करने के बाद आईआरसीटीसी ने उसे सुधार लिया। एक अधिकारी ने बताया, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) के आईटी विभाग ने शिकायत मिलने के बाद तत्काल उसका संज्ञान लिया और इस समस्या को दूर कर लिया
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अधिकारी ने कहा, यह शिकायत 30 अगस्त को सामने आई थी और इसे 2 सितंबर को ठीक कर लिया गया था। अब हमारा ई-टिकट सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित है। यहां तम्बारम के एक निजी विद्यालय में पढ़ने वाले 12वीं के छात्र पी रेंगानाथम ने बताया कि वह 30 अगस्त को जब टिकट बुक करने की कोशिश कर रहे थे तो उन्होंने वेबसाइट पर यह समस्या (आईडीओआर) देखी, जो लाखों यात्रियों के हस्तांतरण का विवरण लीक करता है। यह एक बेहद आम समस्या है। उन्होंने इसके बाद तत्काल इसकी जानकारी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इन) को दी। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करनेवाली सीईआरटी-इन को लिखे ईमेल शिकायत में कहा कि इसके जरिए कोई किसी दूसरे का टिकट भी रद्द कर सकता है और संवेदनशील जानकारियां जुटा सकता है।