
80 हजार सरकारी स्कूलों के लिए स्वच्छता पुरस्कार योजना शुरू हुई है। स्कूलों को पुरस्कार प्रखंड, जिला एवं राज्य स्तर पर दिये जायेंगे।
'बिहार स्वच्छ
1) शिक्षा मंत्री ने किया स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना के पोर्टल का शुभारंभ
2)स्वच्छता पर स्कूलों को मिलेंगे प्रखंड, जिला व राज्य स्तरीय पुरस्कार
विद्यालय पुरस्कार' नाम से शुरू हुई इस योजना में सभी अस्सी हजार सरकारी स्कूल शामिल किये जायेंगे। पुरस्कार के लिए स्कूलों का चयन तय मानकों के आधार पर होगा। हर साल 22 मार्च को बिहार दिवस पर चयनित स्कूलों को पुरस्कार मिलेंगे।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने । गुरुवार को बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना के तहत' विद्यालयों में राज्य विशेष जल, स्वच्छता एवं साफ-सफाई मानदंड प्रणाली' पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूल नल-जल योजना से जोड़े जायें। स्कूलों में स्वच्छता अभियान की शुरुआत शिक्षकों से हो। इसलिए कि शिक्षकों का अनुशरण बच्चे करते हैं। अगर
शिक्षक हाथ धोयेंगे, तो बच्चे उनका 'अनुशरण करेंगे। इससे बच्चों में बचपन से ही वाश की आदत लगेगी। वाश
जीवन की शैली में शामिल होनी चाहिये । इसीलिए इसकी शुरुआत स्कूल से हो रही है। स्वच्छता को लेकर शुरू किये जा रहे पुरस्कार योजना में सामाजिक समानता देखा जाना चाहिये। ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों को बढ़ावा मिलना चाहिये । इसके दूरगामी असर होंगे। वैसे भी कोरोना से स्वच्छता की प्रासंगिकता बढ़ गयी है ।
शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने 'बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार' - योजना की मार्गदर्शिका का विमोचन भी किया । शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार ने बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना में शत-प्रतिशत सरकारी स्कूलों के रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता जताते हुए कहा कि पचास फीसदी मौत निमोनिया और डायरिया से होती है। डायरिया की वजह हाथ नहीं धोना और दूषित जल का सेवन है। डायरिया का प्रभाव जेनरेशन पर भी पड़ता है। इसकी वजह से आदमी की लम्बाई में दो सेंटीमीटर की कमी आयी है। आज पानी हर स्कूल में पहुंच गया है। शौचालय बन गये हैं। पर, मेंटेनेंस बड़ी चुनौती है।यूनिसेफ के राष्ट्रीय उपप्रतिनिधि (कार्यक्रम) यासुमासा किमुरा ने कहा कि कोरोनाकाल में स्कूलों में स्वच्छता अनिवार्य हो गयी है। बच्चों के लिए हर स्कूल में हाथ धोने की व्यवस्था जरूरी है।
खासकर छात्राओं की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने स्कूलों में स्वच्छता अभियान की शुरुआत के लिए बिहार सरकार के शिक्षा विभाग को बधाई दी । यूनिसेफ की बिहार प्रमुख सुश्री नफीसा बिन्ते शफीक ने योजना की सराहना की। यूनिसेफ के वाश विशेषज्ञ डॉ. प्रभाकर सिन्हा ने पुरस्कार और इसके लिए तय मानकों पर विस्ताव से चर्चा की। प्रारंभ में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकान्त शास्त्री ने योजना के पृष्ठभूमि की चर्चा की। धन्यवाद ज्ञापन शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक डॉ. विनोदानंद झा ने किया । इस अवसर पर शिक्षा विभाग के सचिव असंगबा चुबा आओ, विशेष सचिव सतीश चन्द्र झा, माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार, प्राथमिक शिक्षा निदेशक अमरेंद्र प्रसाद सिंह एवं बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के असैनिक कार्य प्रबंधक भोला प्रसाद सिंह सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे ।