
बिहार के बांका से एक वीडियो तेजी के साथ इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में क्लासरूम के अंदर शिक्षक और रसोइया कैद पाए गए हैं। शिक्षक नग्न अवस्था में है। दोनों के रोमांस का वीडियो तेजी के साथ साझा किया जा रहा है। बांका : बिहार के बांका जिले से एक शर्मनाक वीडियो तेजी के साथ वायरल हो रहा है। सरकारी स्कूल के बाहर बैठे बच्चों और क्लासरूम में शिक्षक-महिला रसोइये के इस वीडियो पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। मामल के बारे में बताया जा रहा है कि ये वीडियो संबंधित गांव के युवकों द्वारा ही बनाया गया है जो वायरल हो रहा है। वीडियो में शिक्षक क्लासरूम में नग्न अवस्था में हैं और उनके साथ महिला रसोइया है। क्लासरूम का दरवाजा बंद है।
वीडियो दरवाजे के नीचे की जगह से बनाया गया है। वायरल हुए वीडियो में चार दिवारी फांदकर वीडियो बनाने वाले युवक भागते दिखाई दे रहे हैं। इसी समय वहां स्कूल ड्रेस में बैठे बच्चे उनकी हरकतों पर शर्मिंदगी जाहिर करते भी दिख रहे हैं। कुछ युवकों ने बनाया है। इसमें रसोईया और शिक्षक स्कूल के एक कक्षा में सोए हैं। इसके बाद शिक्षक नग्न अवस्था में खड़ा होकर घुमने लगता है। इसका वीडियो आसपास गांव के हर मोबाइल तक पहुंच गया है। वीडियो बांका के एक प्रतिष्ठित गांव का बताया जाता है। इसमें स्कूल की चाहरदिवारी दिख रही है। जबकि स्कूल के पास एक बिजली का ट्रांसफार्मर दिख रहा है। लेकिन दैनिक जागरण इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। मामले पर किसी भी अधिकारी ने कोई बयान नहीं दिया है। भीतरखाने से खबर है कि पड़ताल की जा रही है।
(टीचर भी किसी भी वायरल वीडियो-आडियो कंटेंट की पुष्टि नहीं करता है)
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31 जिलों से नहीं भेजी गई अंकों की एंट्री करनेवाले शिक्षकों की सूची
पोर्टल पर पिछले वर्ष की अपेक्षा काफी कम अपलोड की गई है सूची
मुजफ्फरपुर। अगले वर्ष होने वाली मैट्रिक परीक्षा के लिए मुजफ्फरपुर समेत 31 जिलों ने अंकों की एंट्री करने वाले शिक्षकों की सूची नहीं भेजी है। इन शिक्षकों को एमपीपी कहा जाता है। ये शिक्षक कॉपियों के मूल्यांकन के समय इसकी ऑनलाइन एंट्री करते हैं। बोर्ड ने कहा है कि कटिहार, जमुई, लखीसराय, भागलपुर, सुपौल, पश्चिम चंपारण और समस्तीपुर से ही अब तक की लिस्ट अपडेट की गई है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से इसको लेकर दो बार से अधिक बार रिमाइंडर भेजा गया है।
बावजूद इसके अब तक 31 जिलों से यह सूची प्राप्त नहीं हो सकी है। बोर्ड ने एक बार फिर तिथि विस्तारित करते हुए 15 अक्टूबर तक हर हाल में शिक्षकों की सूची अपलोड करने का निर्देश जारी किया है। बोर्ड ने यह भी कहा है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष में काफी कम संख्या में शिक्षकों की सूची अपलोड की गई है। शिक्षकों के नाम भेजने के क्रम में स्थानांतरित विद्यालय का नाम बदलना, मृत या गंभीर बीमारियों से ग्रसित, बर्खास्त शिक्षकों के नाम की जगह पर दूसरे शिक्षकों को शामिल किया जाना है। बोर्ड ने कहा है कि शिक्षकों के नाम किस कारण से हटाए जा रहे हैं इसका उल्लेख कॉलम में अनिवार्य रूप से किया जाए। बोर्ड ने सभी डीईओ को निर्देश दिया है कि हर हाल में शिक्षकों की सूची को ऑनलाइन अपडेट किया जाए