
पटना : नए साल में राज्य के सरकारी विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के कार्यों की निगरानी विद्यालय समितियां करेंगी। शिक्षा विभाग ने इससे संबंधित प्रावधान 'बिहार राजकीयकृत माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रबंध समिति गठन एवं संचालन नियमावली, 2022 को सख्ती से लागू करने का निर्देश सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों को दिया है। साथ ही नियमावली में राजकीयकृत परियोजना एवं उत्क्रमित माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों की प्रबंध समितियों को व्यापक अधिकार दिए गए हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के मुताबिक निर्धारित प्रविधानों को प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों के कार्यकलापों पर प्रबंध समिति की ओर से निगरानी रहेगी।
विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण में सुधार, समुचित अनुशासन, शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों पर समुचित नियंत्रण, शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को समयनिष्ठ बनाना, उपस्कर एवं अन्य सामग्री का संरक्षण, उनका लेखा रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए सक्षम प्राधिकार का ध्यान आकृष्ट कराना, शिक्षकों के गहन प्रशिक्षण की व्यवस्था, विद्यालय के संचालन में अभिभावकों एवं स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों के सहयोग की व्यवस्था, विद्यालय भवन की मरम्मती एवं सफाई की व्यवस्था, विद्यालय के विकास कार्यक्रमों की व्यवस्था, विकास के लिए प्राप्त अनुदान राशि का समय पर उपयोग व लेखा संधारण की व्यवस्था तथा विद्यालय के हित में अन्य आवश्यक काररवाई के अधिकार प्रबंध समिति को दिये गये हैं।
प्रबंध समिति के सभी निर्णय बहुमत द्वारा लिये जायेंगे। अपर मुख्य सचिव के अनुसार प्रबंध समिति की बैठक समय-समय पर बुलाने, बैठक की कार्यवाही तैयार कर उसका संधारण, शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों पर पूर्ण नियंत्रण, पाठ्यक्रम के तहत शिक्षकों की प्रगति, कक्षा, प्रयोगशाला, पुस्तकालय की समुचित साफ सफाई व रख-रखाव, मासिक, त्रैमासिक, अद्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षाओं का समय से संचालन, मूल्यांकन एवं परीक्षाफल, एकेडमिक कैलेंडर, विद्यालय का चतुर्दिक विकास तथा अभिभावक शिक्षक एसोसिएशन के गठन का जिम्मा प्रबंध समिति के पदेन सचिव, जो प्रधानाध्यापक बनाये गये हैं, पर सौंपी गयी है।