
पटना। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा है कि राज्य में अब तक सौ से अधिक माध्यमिक शिक्षकों की सांस संक्रमण से टूट चुकी है। ऐसे भी जिले समयपूर्व गर्मी की छुट्टी घोषित करे। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष व विधान पार्षद केदारनाथ पांडेय एवं प्रभारी महासचिव विनय मोहन ने कहा है कि पूरे विश्व में कोरोना, महामारी का रूप ले चुका है। बिहार में इस महामारी से अब तक एक लाख लोग पॉजिटिव होकर चिकित्सा करा रहे हैं। राज्य में सरकार ने सचिवालय से लेकर सभी मुफस्सिल कर्मचारियों के लिए 25 प्रतिशत उपस्थिति की अनिवार्यता की है।
कोरोना संकट के बीच वित्त मंत्रालय ने राज्यों को 8873 करोड़ रुपए पहली किस्त जारी हुआ।
इसी बीच कुलाधिपति के आदेश से एक मई से गर्मी की छुट्टी समयपूर्व घोषित कर दी गयी है। राज्य में माध्यमिक शिक्षा से जुड़े एक सौ से अधिक शिक्षक काल के गाल में समा चुके हैं। हाल ही नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी की जान कोरोना से चली गयी। संगठन ने कहा है कि राज्य के विभिन्न जिलों में प्रत्येक विद्यालय में चार से पांच शिक्षक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। पठन-पाठन तो पूर्व से ही बंद है, किंतु विद्यालय में शिक्षकों की उपस्थिति के कारण शिक्षक तेजी से संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे भी शिक्षक हैं, जो पचास से सौ किलोमीटर की दूरी तय कर विद्यालय आते हैं, जिनमें महिला शिक्षिकों की संख्या अधिक रहती है, वह भी अब तेजी से संक्रमित हो रहे हैं।
संक्रमण का खतरा पुरुष शिक्षकों पर हमेशा बना हुआ है। स्थिति के मद्देनजर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने सरकार से अनुरोध किया है कि शिक्षा विभाग समय से पूर्व गर्मी की छुट्टी घोषित करने का आदेश जारी करे, जिससे शिक्षक एवं शिक्षिकाएं संक्रमण से बच सकें।
दूसरी ओर आल इंडिया फेडरेशन ऑफ एजुकेशन एसोसिएशन (एआईएफईए) के राष्ट्रीय सचिव शैलेन्द्र कुमार शर्मा ' शैलू' एवं राज्य पार्षद व शैक्षिक परिषद के पूर्व सदस्य जयनंदन यादव ने राज्य सरकार से कोरोना संक्रमण से मृत नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को आश्रितों को भी अन्य सरकारी कर्मियों की भांति पचास लाख रुपए मुआवजा आश्रितों को सरकारी नौकरी एवं विशेष पारिवारिक पेंशन देने की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना लागातार घातक हो रहा है एवं इसकी भयावहता किसी से छुपी नहीं है। बिहार में भी अब तक एक लाख से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और कइयों ने अपनी जान गंवा दी है। एआईएफईए के राष्ट्रीय सचिव शैलेन्द्र शर्मा ने कहा कि सरकार के आदेश पर गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी नियोजित शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्ष अन्य कर्मियों की भांति कोरोना वारियर्स की तरह विभिन्न कोरोंटाईन और कोविड केयर सेंटर सहित अन्य जगहों पर पूरी निष्ठा एवं
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बड़ी संख्या में शिक्षक एव पुस्तकालयाध्यक्ष कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। जिनमें कई गंभीर हालत में अस्पतालों में इलाजरत है तथा अब तक लगभग डेढ़ सौ शिक्षकों एव शिक्षाकर्मियों ने अपनी जान गंवायी है। राज्य पार्ष जयनंदन यादव ने कहा कि नियोजित शिक्षक एव पुस्तकालयाध्यक्ष राज्य सरकार के अनुसार भले ह पंचायतीराज एवं नगर निकायों के कर्मी है मैं भी सरकार के आदेश पर ही कार्य कर रहें हैं शिक्षक नेताओं ने कहा है कि शिक्षा विभाग के आदेश पर विद्यालयों में शिक्षकों एवं शिक्षकेत्त कर्मियों को 25 फीसदी उपस्थिति की अनिवार्यत की गयी है।
कोरोना की भयावहता को देखते हुए राज्यपाल सह कुलाधिपति के आदेश से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में समय से पूर्व एक मई गर्मी की छुट्टी घोषित की गयी है।
शिक्षक नेताओं ने कहा है कि सरकार अविलं कोरोना संक्रमण से मृत नियोजित शिक्षकों एव पुस्तकालयाध्यक्षों को भी राज्यकर्मियों की भांति पचास लाख रुपए मुआवजा, आश्रितों को सरकारी नौकरी एवं विशेष पारिवारिक पेंशन देने की घोषण के साथ साथ शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मियों एव उनके परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अविलंब समय से पूर्व ग्रीष्मावकाश की छुट्ट घोषित करे।