
मुख्य बिंदु:
- Reliance Defence और जर्मनी की Deihl Defence के बीच वुल्कानो 155mm मुनिशन सिस्टम के निर्माण का बड़ा करार।
- रत्नागिरी में Greenfield फैक्ट्री में 50% स्वदेशी सामग्री के साथ होगा उत्पादन।
- ₹10,000 करोड़ का संभावित व्यापार, 2029 तक ₹50,000 करोड़ निर्यात लक्ष्य तय।
- लेजर और GPS गाइडेड यह सिस्टम भारतीय सेना की मारक क्षमता को करेगा मजबूत।
नई दिल्ली: भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, Reliance Defence ने जर्मनी की Deihl Defence के साथ साझेदारी की है। इस समझौते के तहत भारत में 155mm वुल्कानो प्रिसिजन-गाइडेड मुनिशन सिस्टम का निर्माण किया जाएगा, जो भारतीय सेना की क्षमताओं को और मजबूत करेगा।
यह प्रणाली अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, जिसमें लेजर और GPS गाइडेंस का उपयोग होता है, जिससे यह दुश्मन के ठिकानों पर अत्यधिक सटीकता से वार करने में सक्षम है। इसका निर्माण रत्नागिरी (महाराष्ट्र) में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड फैसिलिटी में किया जाएगा, जिसमें 50% से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग होगा।
यह समझौता केवल तकनीकी दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इस परियोजना के तहत भारत में लगभग ₹10,000 करोड़ का व्यापार उत्पन्न होगा और 2029 तक ₹50,000 करोड़ के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने की योजना है।
इस साझेदारी से भारत को रक्षा क्षेत्र में वैश्विक खिलाड़ी बनने की दिशा में मदद मिलेगी। Reliance और Deihl Defence का यह कदम 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियानों को और गति देगा, साथ ही विदेशी निर्भरता को कम करने में सहायक होगा।
वुल्कानो मुनिशन की सटीकता और विश्वसनीयता के चलते इसका प्रयोग भारत के रक्षा बलों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। यह समझौता भारत को न केवल आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि उसे रक्षा उत्पादों के वैश्विक निर्यातक के रूप में भी स्थापित करेगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह साझेदारी न केवल रक्षा निर्माण क्षमताओं को बल देगी बल्कि तकनीकी ट्रांसफर के माध्यम से भारत में अत्याधुनिक सैन्य तकनीकों का विकास भी सुनिश्चित करेगी। इससे पाकिस्तान सहित अन्य दुश्मन देशों की चिंता निश्चित रूप से बढ़ेगी।