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गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूलों की मॉनिटरिंग होगी सख्त, शिक्षा विभाग ने दिए निर्देश

गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूलों की मॉनिटरिंग होगी सख्त, शिक्षा विभाग ने दिए निर्देश

  • गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूलों की गतिविधियों की सघन मॉनिटरिंग होगी।
  • यू-डायस प्लस और ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर जानकारी अपलोड अनिवार्य।
  • जिला और राज्य मुख्यालय से भी रखी जाएगी निगरानी।
  • शिक्षकों की ट्रेनिंग का असर जांचने को टीमें करेंगी मूल्यांकन।

गर्मी की छुट्टियों के बाद राज्य के सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों की भौतिक और शैक्षणिक स्थिति की निगरानी शिक्षा विभाग द्वारा की जाएगी। विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे यू-डायस प्लस और ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपनी जानकारी पारदर्शिता के साथ अपडेट करें। इसके लिए डीईओ और एसएसए के कार्यक्रम पदाधिकारी को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि कोई भी स्कूल गलत या अधूरा डाटा अपलोड न करे।

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि छुट्टियों के तुरंत बाद स्कूलों की गतिविधियों की विशेष मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके तहत औचक निरीक्षण भी किए जाएंगे ताकि पोर्टल पर दर्ज सूचनाओं की तुलना जमीनी सच्चाई से की जा सके। इस कदम का उद्देश्य स्कूलों की वास्तविक स्थिति को समझना है ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई बाधा न आए।

विभाग ने कहा है कि सटीक डाटा के बिना छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं का प्रभावी संचालन संभव नहीं है। इस कारण स्कूलों को अब बिजली, पानी, खेल का मैदान, शौचालय, स्मार्ट क्लास, ICT लैब और पुस्तकालय जैसी सुविधाओं की स्थिति को भी पोर्टल पर दर्ज करना होगा। साथ ही शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता, नियुक्ति और विद्यालय में चल रही शिक्षण व्यवस्था का भी विवरण देना होगा।

अब केवल जिला नहीं बल्कि राज्य मुख्यालय से भी स्कूलों पर निगरानी की जाएगी। पोर्टल पर दर्ज डाटा भविष्य की शैक्षणिक योजनाओं की नींव बनेगा। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों (BEO) को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र के सभी स्कूलों की डाटा सत्यता सुनिश्चित करें। डीईओ ने बताया कि लगातार फॉलोअप किया जाएगा और उच्च विद्यालयों को छात्र प्रगति की जानकारी नियमित रूप से पोर्टल पर अपडेट करनी होगी।

सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों की जवाब देने की क्षमता का मूल्यांकन भी किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने जो सीखा है, वह स्कूल में लागू हो रहा है या नहीं, इसकी जांच होगी। SCERT द्वारा पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी गई है। इसके अनुसार, टीचर ट्रेनिंग कॉलेज की टीम कक्षा में बैठकर शिक्षकों की कार्यशैली का निरीक्षण करेगी।

शिक्षा विभाग का मानना है कि भारी खर्च के बाद दी गई ट्रेनिंग का मूल्यांकन आवश्यक है। एक टीम को पांच स्कूलों की जिम्मेदारी दी जाएगी और पांच स्तर की ग्रेडिंग के आधार पर शिक्षकों के कार्य का आकलन किया जाएगा। इस प्रक्रिया से न केवल प्रशिक्षण की गुणवत्ता स्पष्ट होगी बल्कि स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में भी सुधार आएगा।


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