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23 जून के बाद शिक्षकों के अवकाश के लिए केवल ऑनलाइन आवेदन मान्य, वेतन नहीं रुकेगा

23 जून के बाद शिक्षकों के अवकाश के लिए केवल ऑनलाइन आवेदन मान्य, वेतन नहीं रुकेगा

  • 23 जून के बाद केवल ऑनलाइन मोड में अवकाश आवेदन मान्य होंगे
  • मातृत्व, पितृत्व, मेडिकल अवकाश में वेतन नहीं रुकेगा
  • अवकाश स्वीकृति की समयसीमा – 7 दिन
  • महिला शिक्षकों को मासिक दो दिन आकस्मिक अवकाश मिलेगा

शिक्षकों को अब अवकाश के लिए केवल ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य कर दिया गया है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि 23 जून 2025 के बाद किसी भी प्रकार का ऑफलाइन अवकाश आवेदन मान्य नहीं होगा। इसका उद्देश्य प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाना है।

नए आदेश के अनुसार, अब मातृत्व, पितृत्व, शिशु देखभाल, मेडिकल और अन्य प्रकार की वैध छुट्टियों पर शिक्षकों का वेतन नहीं रुकेगा। संबंधित डीईओ (जिला शिक्षा पदाधिकारी) और अधिकारी अवकाश आवेदन प्राप्त होने के सात दिनों के भीतर निर्णय लेंगे और स्वीकृति मिलने के बाद शिक्षकों का वेतन नियमित रूप से जारी रहेगा।

डीईओ राजेश कुमार ने बताया कि मातृत्व अवकाश अवकाश स्वीकृति की तारीख से 180 दिनों के लिए देय होगा। वहीं पितृत्व अवकाश मेटरनिटी की संभावित तारीख के 15 दिन पहले से लेकर 6 महीने के भीतर 15 दिन के लिए मान्य होगा। दोनों प्रकार की छुट्टियों के दौरान भी वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी।

निजी कार्य और स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र के आधार पर भी शिक्षक अवकाश ले सकेंगे। इसके अतिरिक्त शिशु देखभाल के लिए अधिकतम दो वर्षों तक अवकाश की सुविधा दी गई है। जब तक ऑनलाइन प्रणाली पूर्ण रूप से लागू नहीं हो जाती, तब तक अस्थायी रूप से ऑफलाइन आवेदन स्वीकार किए जा सकते हैं, लेकिन 23 जून के बाद यह पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा।

शिक्षकों को अब तक अवकाश के बाद लंबी प्रक्रिया का सामना करना पड़ता था, जिसके कारण उन्हें वेतन एरियर के रूप में मिलता था। लेकिन अब राज्य सरकार के उप सचिव द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत प्रक्रिया सरल और डिजिटल की गई है। यह आदेश प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों पर लागू होगा, हालांकि इसमें स्थानीय निकाय के शिक्षक शामिल नहीं हैं।

नए नियमों के तहत


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