
- पटना के दुजरा इलाके में ड्राई डॉक निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन स्वीकृत।
- राज्य में पहली बार जहाजों की मरम्मत और निर्माण की सुविधा विकसित की जाएगी।
- इससे जल परिवहन को मिलेगा बढ़ावा, व्यापारियों को होगा सीधा लाभ।
- रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और उद्योगों का विस्तार होगा।
बिहार सरकार ने प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य में पहली बार जहाजों की मरम्मत और निर्माण सुविधा के रूप में पटना में ड्राई डॉक का निर्माण किया जाएगा। यह पहल जल परिवहन को बढ़ावा देने और नौवहन से जुड़े उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए की जा रही है।
इस परियोजना को सफल बनाने के लिए पटना के दुजरा इलाके में पांच एकड़ जमीन अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण को हस्तांतरित करने की स्वीकृति दी गई है। यह प्राधिकरण पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। जमीन के आवंटन के बाद निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किए जाने की संभावना है।
फिलहाल बिहार में पानी के जहाजों की मरम्मत की कोई व्यवस्था नहीं है। नदी में चलते समय जहाजों के खराब होने पर व्यापारियों को जहाजों की मरम्मत के लिए कोलकाता पर निर्भर रहना पड़ता है। इससे न केवल समय की बर्बादी होती है बल्कि आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।
ड्राई डॉक निर्माण से यह समस्या दूर हो जाएगी। स्थानीय स्तर पर मरम्मत की सुविधा उपलब्ध होने से व्यापारियों को राहत मिलेगी और जलमार्ग के उपयोग को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे राज्य में जल परिवहन के माध्यम से व्यापार का विस्तार होगा।
इस परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के कई अवसर सृजित होंगे। जहाज मरम्मत, रखरखाव, और निर्माण कार्य में स्थानीय युवाओं को काम मिलेगा। वहीं उद्योग जगत को भी जलमार्ग के जरिये सस्ती और कुशल परिवहन सुविधा प्राप्त होगी।
कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि अगले दो वर्षों में इस ड्राई डॉक का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे न केवल जल परिवहन को बल मिलेगा बल्कि उद्योगिक निवेश और आर्थिक गतिविधियों को भी मजबूती मिलेगी।