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भारत-चीन रिश्ते पर रूस की पहल: तनाव घटा, RIC सहयोग की वापसी की उम्मीद

भारत-चीन रिश्ते पर रूस की पहल: तनाव घटा, RIC सहयोग की वापसी की उम्मीद

  

  • रूस के विदेश मंत्री ने भारत-चीन रिश्तों में सुधार का किया दावा
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  • RIC त्रिकोणीय सहयोग को फिर से शुरू करने की जताई उम्मीद
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  • चीन का पाकिस्तान को समर्थन भारत के लिए चिंता का कारण
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  • मॉस्को में 'भविष्य-2050' फोरम में रखे गए अहम बयान

नई दिल्ली/मॉस्को: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने सोमवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच चल रहा तनाव अब काफी हद तक कम हो चुका है। उन्होंने इस स्थिति को RIC (रूस-इंडिया-चाइना) त्रिकोणीय सहयोग को फिर से शुरू करने का उपयुक्त समय बताया। यह बयान उन्होंने 'भविष्य-2050' फोरम को संबोधित करते हुए दिया।

लावरोव का मानना है कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद अब पहले की तुलना में स्थिर हो गया है और इस वजह से दोनों देशों के बीच संवाद का नया द्वार खुल रहा है। उन्होंने कहा कि हम अपने चीनी और भारतीय समकक्षों के साथ इस पर चर्चा कर रहे हैं ताकि त्रिपक्षीय सहयोग दोबारा शुरू किया जा सके।

गौरतलब है कि साल 2020 में गलवन घाटी में हुई झड़प के बाद भारत-चीन संबंधों में भारी गिरावट आई थी। हालांकि, 2025 की शुरुआत से दोनों देशों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ, जिससे तनाव में कमी आई। लेकिन हाल में भारत-पाकिस्तान के बीच हुई मुठभेड़ में चीन की प्रतिक्रिया ने भारत के लिए चिंता बढ़ा दी।

चीन ने भले ही सीधे युद्ध में पाकिस्तान का समर्थन न किया हो, लेकिन सीजफायर के तुरंत बाद 10 मई को चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का समर्थन करते हुए बयान दिया, जिससे भारत की नाराजगी स्पष्ट थी।

इसके साथ ही चीन पाकिस्तान को हथियारों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता भी है, जिनका उपयोग भारत के खिलाफ युद्ध के दौरान हुआ। हालांकि, भारत की सैन्य शक्ति के आगे ये हथियार प्रभावशाली साबित नहीं हो सके। इसके बावजूद, चीन के इस रुख ने भारत-चीन संबंधों में फिर से खटास ला दी।

लावरोव ने साफ किया कि यदि भारत और चीन के बीच फिर से सकारात्मक संवाद शुरू होता है, तो RIC सहयोग यूरेशियन क्षेत्र में स्थायित्व और बहुध्रुवीयता की दिशा में अहम कदम होगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि विगत कुछ वर्षों में विदेश मंत्रियों की बैठकें रुकी हुई थीं, लेकिन अब इस दिशा में प्रयास शुरू किए जा रहे हैं।

इस बीच, मॉस्को में लावरोव ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस दौरान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का पत्र रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सौंपा गया। इस बैठक में लावरोव ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए सीधी बातचीत जरूरी है।

अब देखना यह होगा कि क्या रूस की यह मध्यस्थता भारत और चीन को फिर से करीब ला पाएगी और पाकिस्तान को क्षेत्रीय नीतियों में अलग-थलग कर पाएगी। भविष्य की कूटनीति इसी दिशा में नए समीकरण बना सकती है।


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