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कनाडा में G-7 सम्मेलन के बीच पीएम मोदी को खालिस्तानी चरमपंथियों की धमकी

कनाडा में G-7 सम्मेलन के बीच पीएम मोदी को खालिस्तानी चरमपंथियों की धमकी

PM मोदी G-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने कनाडा पहुंचे   

  • कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों ने पीएम मोदी को दी धमकी
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  • खालिस्तान समर्थकों ने रैली निकालकर की मोदी विरोधी नारेबाजी
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  • सिख फॉर जस्टिस समूह ने पीएम पर हमले की खुली चेतावनी दी

ओट्टावा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय G-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा के दौरे पर हैं। यह बीते दस वर्षों में कनाडा की उनकी पहली यात्रा है। मोदी वहां प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर पहुंचे हैं। वे कैलगरी में सोमवार शाम स्थानीय समय के अनुसार पहुंचे और कनानास्किस में चल रहे सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

लेकिन इस उच्चस्तरीय दौरे से पहले ही कनाडा में मौजूद खालिस्तान समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाने की धमकी दे दी है। पीएम मोदी के कनाडा पहुंचने से पहले ही खालिस्तानी चरमपंथियों ने एक रैली निकाली और उसमें खुलकर उन पर हमला करने की बात कही गई।

सोमवार को खालिस्तानी समर्थकों ने विरोध रैली निकाली जिसमें भारत विरोधी और हिंदू विरोधी नारे लगाए गए। रैली में खालिस्तान के झंडे लहराए गए और पीएम मोदी की आलोचना करते हुए उनके पोस्टर भी प्रदर्शित किए गए। पोस्टरों में मोदी पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया गया।

इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व सिख फॉर जस्टिस (SFJ) समूह कर रहा था, जिसके सह-संस्थापक बख्शीस सिंह संधू ने मोदी की उपस्थिति को “एक अवसर” करार दिया। उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ सार्वजनिक रूप से हमला करने की चेतावनी दी और कनाडा के नागरिकों से उनका साथ देने की अपील की।

सिख फॉर जस्टिस की स्थापना गुरपतवंत सिंह पन्नू ने की थी, जिसे भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित घोषित किया जा चुका है। इस समूह को भारत विरोधी गतिविधियों और खालिस्तानी आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि कनाडा ने सिखों को भारतीय प्रधानमंत्री को सीधी चुनौती देने और अगले 48 घंटों तक उन पर घात करने का मौका दिया है। इस बयान से कनाडा की कानून व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

यह घटना भारत और कनाडा के रिश्तों को एक बार फिर तनावपूर्ण मोड़ पर ले जा सकती है। G-7 जैसे वैश्विक मंच पर भारत की भागीदारी के दौरान ऐसी धमकियां सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी चिंता का विषय बन गई हैं।


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