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पटना। शिक्षक नेता आशीष कुमार सिंह ने नियोजित शिक्षकों की वेतन विसंगति एवं सेवा शर्त में खामियों के संबंध में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री तथा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से शिकायत की है। उनका कहना है कि नियोजित शिक्षकों के वेतन में 15 प्रतिशत वृद्धि के बाद राज्यकर्मियों के मूल स्केल को नहीं छू पाए हैं। नया स्लैब बनने के बाद भी चपरासी व लिपिक के बराबर वेतन शिक्षकों को नहीं दिया गया। प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों में नियोजित शिक्षकों के वेतन में विसंगति है। उन्होंने कहा कि 2000 ग्रेड वाले राज्यकर्मी के वेतन का ढांचा 21700 से शुरू होता है, जबकि नियोजित शिक्षकों को जो स्केल दिया गया है उसमें वेतन स्केल 21290 से शुरू होता है। इसी तरह से 2400 ग्रेड और 2800 ग्रेड वाले राज्यकर्मी के वेतन में भी विसंगति है। अभी के वेतन संरचना के कारण माध्यमिक शिक्षकों का वेतन प्राथमिक शिक्षकों से कम है। वहीं वरीय शिक्षकों का वेतन कनीय शिक्षकों से कम हो गया है। प्रशिक्षित शिक्षकों का वेतन अप्रशिक्षित से कम हो गया है।
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शिक्षकों ने की सेवाशर्त की खामियों को दूर करने की मांग
पटना। शिक्षक नेता आशीष कुमार सिंह ने राज्य के चार लाख नियोजित शिक्षकों के वेतन विसंगति एवं सेवाशर्त की खामियों को दूर करने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, राज्यपाल, मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और सारी बातों से अवगत कराया है.
‘नियोजित शिक्षकों की वेतन विसंगित दूर हो'
पटना। ग्रेड वाले राज्यकर्मी और नियोजित शिक्षकों की वेतन विसंगति को दूर कर दिया जाये तो नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिल सकेगा। इस मांग को लेकर शिक्षक नेता आशीष कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यपाल, शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव सहित अपर मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया है। आशीष कुमार ने बताया कि दो हजार ग्रेड वाले राज्यकर्मी को वेतन 21 हजार सात सौ से शुरू होता है। जबकि नियोजित शिक्षकों का वेतन 21 हजार 290 से शुरू होता है। वेतन अंतर मात्र 410 रुपया है। अगर यह राशि बढ़ा दी जाए तो एक से पांचवीं तक के शिक्षकों को ग्रेड पे के साथ राज्यकर्मी का दर्जा मिल जायेगा। इसी तरह माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के नियोजित शिक्षकों की वेतन विसंगतियां दूर की जा सकती हैं।