
सीवान :जिले में नियोजित शिक्षकों के 15 फीसदी वेतन बढ़ोतरी के मामले में प्रखंडों से ऑनलाइन डाटा तैयार किया जा रहा है। इसके बाद उसे शिक्षकों के लिए सार्वजनिक कर दिया जाएगा। डाटा में किसी भी तरह की आपत्ति होगी, तो सात जनवरी तक आपत्ति दर्ज होगा। इसके बाद उसमें जांच कर सुधार होगा। डाटा अपलोड करने की अंतिम तिथि दो जनवरी तक है। बीईओ द्वारा भेजे गए डाटा को डीपीओ स्थापना शाखा से ऑनलाइन किया जा रहा है। हालांकि ऑनलाइन करने के दौरान किसी तरह की त्रुटि होने पर ऑन लाइन अपलोड नहीं हो रहा है। इसे फिर से सुधार करना होगा। इस तरह का मामला सभी प्रखंडों में आ रहा है। इससे शिक्षक परेशान है।
इधर, माध्यमिक शिक्षा के विशेष सचिव मनोज कुमार ने ने अपने पत्रांक 2175 दिनांक 30 दिसम्बर के माध्यम से सभी डीईओ को निर्देश दिया है कि पंचायती राज नगर निकाय संस्था के तहत बहाल शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्ष का संशोधित वेतन निर्धारण करना है। वेतन निर्धारण के लिए ऑन लाइन कैलकुलेटर एनआईसर पटना द्वारा तैयार किया गया है। प्रपत्र सूचना को मेधा शॉफ्ट में शिक्षक तीन जनवरी से देख सकेंगे। शिक्षकों के अवलोकन के लिए सात जनवरी तक उपलब्ध रहेगा। किसी भी तरह की आपति होने पर सुधार के लिए डीईओ को आपति पत्र दिया जाएगा। जिसे डीईओ आपति का निकारण कर उसे फिर से पटना एनआईसी पर अपलोड किया जाएगा। 10 जनवरी से शिक्षक ऑनलाइन स्लीप डाउनलोड कर सकेंगे। इसे दो प्रतियों में तैयार करने को कहा गया है।
व्हाट्सएप ने 17.5 लाख भारतीय खाते बंद किए।
मेटा के स्वामित्व वाले मैसेजिंग एप व्हाट्सएप ने 17.5 लाख से ज्यादा भारतीय खातों को बंद कर दिया है। सोशल मीडिया कंपनी व्हाट्सएप ने अपनी अनुपालन रिपोर्ट में कहा कि उसने नवंबर 2021 में 17.5 लाख से अधिक भारतीय खातों को बंद किया वहीं, इस दौरान उसे 602 शिकायतें अपनी ताजा रिपोर्ट में कंपनी ने कहा कि इस दौरान व्हाट्सएप पर 17,59,000 भारतीय खातों को बंद किया गया। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि आईटी नियम 2021 के अनुसार, हमने नवंबर महीने के लिए अपनी छठी मासिक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस उपयोगकर्ता सुरक्षा रिपोर्ट में उपयोगकर्ताओं की शिकायतों का ब्योरा और व्हाट्सएप द्वारा की गई संबंधित कार्रवाई के साथ ही कंपनी द्वारा खुद की खुदव गई कार्रवाइयां भी शामिल हैं। कंपनी ने इससे पहले कहा था कि 95 प्रतिशत से अधिक प्रतिबंध स्वचालित या बल्क मैसेजिंग (स्पैम) के अनधिकृत उपयोग के कारण हैं।