
स्कूल से बाहर के 6 से 18 आयुवर्ग के बच्चों का होगा हाउस होल्ड सर्वे के।
सरकारी स्कूलों से बाहर व शिक्षा से वंचित बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।
सिवान सरकारी स्कूलों से बाहर व शिक्षा से वंचित रह रहे बच्चों को अब शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का काम शिक्षा विभाग द्वारा शुरू कराया जा रहा है। इसको लेकर अब शिक्षकों के द्वारा गृहवार सर्वेक्षण भी किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत जिले में स्कूल से बाहर के बच्चों की पहचान के लिए डोर-टू डोर सर्वे कराया जाएगा। सर्वेक्षण का उद्देश्य 6 से 18 आयु वर्ग के विद्यालय से बाहर व क्षितिज बच्चों की पहचान करना एवं उनका उम्र सापेक्ष कक्षा में नामांकन करना है।
सभी बीईओ, बीआरपी एचएम आदि को इस संबंध में निर्देश दे दिया गया है। 1 से 25 नवम्बर तक सर्वेक्षण का कार्य होगा। सर्वेक्षण के लिए विभाग द्वारा 24 कॉलम का फार्मेट तैयार किया गया है। इसके लिए स्कूलों में प्रखंड स्तरीय कोर कमेटी व हेल्प डेस्क का गठन किया जाएगा। बेस्ट एप के माध्यम से एकत्रित आंकड़ों की होगी इंट्री : विद्यालय से बाहर क्षितिज बच्चों के संबंध में राज्य स्तरीय सर्वेक्षण प्रपत्र में एकत्रित आंकड़ों की इंट्री बेस्ट एप के माध्यम से की जाएगी। वहीं आंकड़ों की इंट्री के लिए सभी विद्यालय प्रधानों को लाग इन आइडी प्रदान की जाएगी। इसमें लाग इन कर प्रधान शिक्षक प्रधानाध्यापक हेल्प डेस्क के सहयोग से आंकड़ों की इंट्री करेंगे। जैसे-जैसे आंकड़ों की इंट्री होती जाएगी। वैसे वैसे आंकड़े राज्य स्तर पर समेकित होते रहेंगे।
सचिवालय सहायक के 3960 में से 2360 पद खाली, बीपीएससी से बहाली की मांग।
मांगों को लेकर बिहार सचिवालय सेवा संघ ने रखा एक दिवसीय उपवास।
पटना बिहार सचिवालय सेवा संघ ने कहा कि गुजरात, केरल, ओडिसा, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में सचिवालय सहायक का नाम सहायक प्रशाखा पदाधिकारी कर दिया गया है। हालांकि बिहार में भी विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित 4 सदस्यीय समिति, महाधिवक्ता और डिप्टी सीएम के अनुमोदन के बाद अब कैबिनेट से मंजूरी ली जानी है। पर पदनाम परिवर्तन वाली फाइल सामान्य प्रशासन विभाग में पड़ी हुई
है। इस पदनाम परिवर्तन किए जाने से सरकार पर किसी का वित्तीय बोझ भी नहीं पड़ना है।
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शनिवार को बिहार सचिवालय सेवा संघ के बैनर तले कर्मचारियों ने पटना के गर्दनीबाग स्थित धरनास्थल पर एक दिवसीय सांकेतिक उपवास रखा जिसमें वक्ताओं ने ये विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने कहा कि वर्ष 2019 में सहायक के 1360 पदों को भरने के लिए बिहार कर्मचारी चयन आयोग से सरकार ने आग्रह किया था पर अब तक विज्ञापन भी प्रकाशित नहीं हो पाया है। वैसे सचिवालय सहायक की नियुक्ति पहले बीपीएससी से ही होती थी। संघ की मांग है कि बीपीएससी चूंकि हर साल परीक्षा लेकर नियोजन की प्रक्रिया पूरी कर लेता है इसलिए सहायकों की नियुक्ति बीपीएससी के माध्यम से ही की जाए। फिलहाल सचिवालय सेवा संवर्ग के सहायकों के कुल स्वीकृत पदों 3960 में से 2360 पद खाली है। धरना में बिहार सचिवालय सेवा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार और महासचिव प्रशांत कुमार ने कहा कि 2015 से ही हम लोगों की मांग लंबित है।