
शिक्षा विभाग की चार सदस्यीय समिति ने सौंपी रिपोर्ट
शिक्षकों के वेतन की विसंगतियां दूर होंगी
पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों की वेतन विसंगतियां शीघ्र दूर होंगी। इसको लेकर बड़ी संख्या में आए शिक्षकों की आपत्तियों पर शिक्षा विभाग द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति ने गहन मंथन के बाद समस्याओं को दूर करने तथा शिक्षकों द्वारा उठाए गए मुद्दे को हल करने की दिशा में अपनी संस्तुतियां सौंप दी हैं। अगले हफ्ते जब दुर्गापूजा के बाद विभागीय कामकाज रफ्तार पकड़ेगा तो कमेटी की अनुशंसाओं पर शीर्ष स्तर पर समीक्षा होगी। उम्मीद है कि इसी माह अनुशंसा के आलोक में नयी अधिसूचना जारी कर तमाम विसंगतियां दूर की जाएंगी। शिक्षा विभाग ने 29 अगस्त 2020 को नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों को 1 अप्रैल 2021 को देय मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि का निर्णय लिया। फिर विभाग ने 12 नवम्बर 2021 को पे कैलकुलेटर के आधार पर मूल वेतन निर्धारित करने का आदेश जारी किया।
इस विधि से वेतन निर्धारण हुआ तो बड़ी संख्या में शिक्षकों ने आपत्तियां दर्ज कराई। सैकड़ों वरीय शिक्षकों ने अपने से कनीय का वेतन अधिक निर्धारित हो जाने तो का वेतन अधिक निर्धारित जाने तो बड़ी संख्या में शिक्षकों ने अपने समकक्षों से कम मूल वेतन निर्धारित हो जाने की शिकायतें कीं। जिलों से आपत्तियों को लेकर लगातार सूचनाएं मिलने के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने 29 अगस्त को प्रभात कुमार पंकज की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। समिति को एक पखवाड़े के अंदर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया था। कमेटी में प्राथमिक उपनिदेशक श्री पंकज के अलावा माध्यमिक उप निदेशक अब्दुस सलाम अंसारी, पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार तथा सीवान के डीपीओ (स्थापना) राजेंद्र सिंह शामिल थे। विभागीय सूत्रों से के मुताबिक इस कमेटी ने दो बैठकों के बाद अपना मंतव्य बनाते हुए अपनी अनुशंसाएं दुर्गापूजा की छुट्टी के पूर्व ही माध्यमिक निदेशक को सौंप दी है।
687 प्राथमिक विद्यालयों में नहीं हैं आरटीई के तहत बच्चों के अनुपात में शिक्षक
मुजफ्फरपुर शिक्षा में शीर्ष रैंकिंग से फिसलकर 84 वें स्थान पर
मुजफ्फरपुर। शिक्षा के क्षेत्र में शीर्ष पर रहने वाला आकांक्षी जिला मुजफ्फरपुर अगस्त महीने में 84वें पायदान पर पहुंच गया है। दिसंबर 21 से लेकर मार्च 22 तक जिले की रैंकिंग पहले से लेकर दूसरे नंबर पर देशस्तर पर रही है। अगस्त की रैंकिंग अभी जारी की गई है। इसमें शिक्षा के क्षेत्र में 84वां स्थान जिले का है। जुलाई में दो नए इंडिकेटर जोड़े गए, जिसमें मैट्रिक और इंटर के 60 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले बच्चों की संख्या की रिपोर्ट भी जिले से भेजी गई। आकांक्षी जिले को लेकर मुजफ्फरपुर में काम कर रहे।