
पटना। सेवानिवृत एवं मृत शिक्षक-कर्मियों के सेवांत लाभ से जुड़े मामले लंबित रखने वाले 22 जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को शिक्षा विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
सेवांत लाभ से जुड़े मामले लंबित रखे जाने को गंभीर मामला करारते हुए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने संबंधित 22 जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों से पह स्पष्ट करने को कहा है कि क्यों नहीं उन पर काररवाई की जाय? जवाब 31 दिसंबर तक मांगा गया है। संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को अभियान चला कर चार समाह के अंदर सेर्वात लाभ से जुड़े सभी लंबित मामले निपटाने के निर्देश भी दिये गये हैं।
जिन 22 जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को शिक्षा विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, उनमें पटना, भोजपुर, रोहतास, नालंदा, बक्सर, कैमूर, खगड़िया, जमुई, बेगूसराय, शेखपुरा, मुंगेर, बांका, भागलपुर, नवादा, औरंगाबाद, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सहरसा, सुपौल, सारण, सिवान एवं गोपालगंज शामिल हैं। इन जिलों में गत नवम्बर के अंत तक सेवानिवृत्त एवं मृत शिक्षक - कर्मियों के सेवांत लाभ से जुड़े 92 मामले लंबित हैं। इनमें 34 मामले गत 31 मार्च तक सेवानिवृत्त एवं मृत शिक्षक-कर्मियों से जुड़े हैं। गत नवम्बर के अंत तक सेवानिवृत्त एवं मृत शिक्षक-कर्मियों के सेवांत लाभ से जुड़े 92 संचित मामलों में पटना के आत, भोजपुर के तीन, रोहतास के दो, नालंदा के सात, बक्सर के 17, कैमूर के तीन, खगड़िया के तीन, जमुई के एक, बेगूसरायके तीन, शेखपुरा के दो. मुंगेर के दो, बांका के 11, भागलपुर के एक, नवादा के पाँच, औरंगाबाद के दो, पश्चिम चंपारण के पांच पूर्वी चंपारण केचार, सहरसा के छह, सुपौल के एक, सारण के तीन, समान के दो एवं गोपालगंज के एक मामले हैं।
इसी प्रकार गत 31 मार्च तक सेवानिवृत्त एवं मृत शिक्षक-कर्मियों के सेवांत लाभ से जुड़े अतंबित मामलों में घटना के दो, नालंदा के एक, खगड़िया के एक, बेगूसराय के दो, मुंगेर के दी, बांका के चार, भागलपुर दो, पश्चिम चंपारण के पांच, पूर्वी चंपारण के एक सहरसा के तीन, सुपीतक एक, सारण के तीन, सिवान के एक एवं गोपालगंज के एक मामले हैं।
संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यका पदाधिकारियों (स्थापना) की दिये गये कारण बताओ नोटिस को प्रति संबंधित प्रमंडलों के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों को भी दी गयी है।