
पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से नियुक्त प्रारंभिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर के शिक्षकों के बीच चल रहे 15 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी के फिक्सेशन के कार्य में नियमों को ताक पर रखते हुए, फिक्सेशन का कार्य देखने को मिल रहा है, जिला शिक्षा विभाग का डीपीओ स्थापना कार्यालय द्वारा बीते गुरुवार को 15 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी को लेकर जारी किये गए पत्र पर भी सवाल उठने लगे हैं, 10 जनवरी की हुए बीसी में शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देश के बाद डीपीओ स्थापना द्वारा जारी किये गए पत्र में कुछेक बिंदुओं को गीण कर दिए जाने की बात कही जा रही है. बीसी में शामिल अन्य जिलों के शिक्षा विभाग ने अपने पत्र में विभागीय पत्रांक 1900, दिनांक 04.10.2019 का जिक्र करते हुए फिक्सेशन का कार्य करने आदेश जारी किया गया है।
लेकिन समस्तीपुर में डीपीओ स्थापना द्वारा जारी पत्र में जानबूझकर इसे गीण करने की बात शिक्षकों द्वारा कही जा रही है. जिसका फायदा कुछेक शिक्षकों द्वारा फिक्सेशन के क्रम में उठाया जा रहा है. जानकारों की माने तो प्रारम्भिक विद्यालयों में वर्ष 2013 से 2015 तक नियुक्त बेसिक और स्नातक ग्रेड के अप्रशिक्षित शिक्षक जिनकी प्रशिक्षण पूरा करने की तिथि 31.03.2019 है, उन्हें विभागीय पत्र 1900, दिनांक 04.10.2019 में अंकित आदेश के तहत ग्रेड वेतन निर्धारण के क्रम में लेवल 02 और लेवल 03 में समस्थानिक इंडेक्स में वेतन निर्धारण इंडेक्स 3 से अधिक नहीं होगा।
लेकिन जिले में उक्त कोटि के शिक्षक नियम से पड़े दिनांक 01.04.2021 को अपना मूल वेतन 21480/- अंकित कराते हुए 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि का फिक्सेशन करा रहे हैं, जबकि विभागीय पत्र 1900 के आधार पर ऐसे शिक्षकों का दिनांक: 01.04.2021 को मूल वेतन 20850/ होना चाहिए सूत्रों की माने तो ऐसे शिक्षकों की संख्या बड़े पैमाने पर है. अन्य जिले के पत्रों पर गौर करें तो बीसी में यह भी निर्देश दिया गया कि जो शिक्षक विभागीय पत्र के विपरीत ग्रेड वेतन का निर्धारण में इंडेक्स 3 से अधिक इंडेक्स 4 का लाभ उठा चुके हैं, उनसे अधिक ली गयी राशि की वापसी की कार्रवाई की जाय, लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण आदेश को डीपीओ स्थापना के पत्र में अंकित नहीं किया जाने पर प्रश्नचिह्न लगाए जा रहे हैं. शिक्षा विभाग फिक्सेशन के क्रम में ऐसे तथ्यों से कैसे निपटता है इस पर शिक्षकों की निगाहें टिकी हुई हैं।