
जमुई : प्रदेश भर में पंचायती राज संस्थाओं के अंतर्गत कार्यरत चार लाख शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को ईद पर्व पर भी बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया गया। जिसके कारण बड़ी तादाद में अल्पसंख्यक समुदाय के शिक्षकों में ईद के दिन भी मायूसी छाई रही । शुक्रवार को बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष आनंद कौशल सिंह ने इसके लिए सूबे के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी को जिम्मेवार ठहराया है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के बीच जारी लॉकडाउन में बकाया वेतन नहीं देकर चार लाख शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को मरने के लिए छोड़ दिया गया है। शिक्षा मंत्री को अगर शिक्षकों की फिक्र होती तो ईद महापर्व पर जरूर बकाया वेतन का भुगतान करवा देते । उन्होंने आवंटन उपलब्ध रहने के बाबजूद तीन-चार माह से बकाया वेतन नहीं दिए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया है। साथ ही कहा कि प्रदेश भर के हजारों शिक्षकों के विभिन्न प्रकार के एरियर का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
विभिन्न मामलों में हाईकोर्ट द्वारा आदेश दिए जाने के बाद भी वेतन नहीं दिया जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना के दूसरी लहर में भी शिक्षकों की ड्यूटी कोरोना संक्रमितों की ट्रेनिंग, आइसोलेशन सेल, सामुदायिक रसोई केंद्रों सहित कई स्थानों पर लगाए जा रहे हैं। अब तो बड़े पैमाने पर सरकारी स्कूलों में कोरोना टीकाकरण सत्र भी प्रारंभ किया जा रहा है। वैश्विक कोरोना महामारी के चपेट में आकर शिक्षक बड़ी तादाद में संक्रमित हो रहे है।
कोरोना की दूसरी लहर में महज एक माह के अंदर सिर्फ पटना जिला में 28 शिक्षकों ने अपनी जान गवाई है। इसी प्रकार प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना के चेपेट में आकर शिक्षकों की जान जा रही है। शिक्षक पैसे के आभाव समुचित इलाज तक नहीं करवा पा रहे हैं। उन्होंने शिक्षा मंत्री से संजीदगी दिखाते हुए वैश्विक कोरोना महामारी के मद्देनजर शीघ्र शिक्षकों के बकाया वेतन का भुगतान करवाने की मांग की है ।