
बिहार सरकार ने अपने कर्मचारियों को एक बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने सप्तम केंद्रीय पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतन प्राप्त कर रहे राज्य के सरकारी सेवकों को 1 जनवरी 2022 के प्रभाव से 31% के स्थान पर 34% महंगाई भत्ते की स्वीकृति दे दी है। इस संबंध में बिहार सरकार के वित्त विभाग द्वारा पारित संकल्प में कहा गया है की राज्य सरकार के कर्मचारियों को 1 जुलाई 2021 के प्रभाव से 31% की दर से महंगाई भत्ते की स्वीकृति प्रदान की गई थी लेकिन भारत सरकार के मंत्रालय के द्वारा सप्तम केंद्रीय पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतन प्राप्त कर रहे केंद्र सरकार के कर्मियों को 1 जनवरी 2022 के प्रभाव से महंगाई भत्ता की दर 31% से बढ़ाकर 34% स्वीकृत की गई है।
परंपरा रही है कि राज्य सरकार भी अपने कर्मियों को महंगाई भत्ता की स्वीकृति केंद्र सरकार के अनुरूप उसी दर पर एवं उसी तिथि से करती रही है। ऐसी हालत में राज्य सरकार ने सप्तम केंद्रीय पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतन प्राप्त कर रहे।
राज्य सरकार के सरकारी सेवकों के लिए 1 जनवरी 2022 के प्रभाव से महंगाई भत्ता की दर 31% से बढ़ाकर 34% करने का निर्णय लिया है। संकल्प में स्पष्ट किया गया है कि सप्तम केंद्रीय पुनरीक्षित वेतन संरचना में मूल वेतन का तात्पर्य पे मैट्रिक्स में विहित वेतन स्तर में आहरित किए जाने वाले वेतन से है।
इसमें विशेष वेतन अथवा व्यक्तिगत वेतन को शामिल नहीं किया जाएगा महंगाई भत्ता की राशि का नगद भुगतान किया जाएगा। कोषागार पदाधिकारी द्वारा प्राधिकार पत्र की प्रतीक्षा किए बिना भुगतान तत्काल औपबंधिक रूप से कर दिया जाएगा। पत्र में कहा गया है कि उच्च न्यायालय, बिहार विधान सभा, विधान परिषद के कर्मियों को उक्त महंगाई भत्ते का भुगतान मुख्य न्यायाधीश पटना उच्च न्यायालय अध्यक्ष बिहार विधान सभा एवं सभापति बिहार विधान परिषद की स्वीकृति से दे होगा।
पटना। बिहार में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारियों का महंगाई भत्ता 31 फीसदी से बढ़ाकर 34 फीसदी किए जाने को लेकर वित्त विभाग ने संकल्प जारी कर दिया। इस बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ सरकारी कर्मियों एवं पेंशनधारियों को एक जनवरी, 2022 के प्रभाव से मिलेगा। सरकार के इस निर्णय से राज्य के खजाने पर सालाना 1133 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। शनिवार को वित्त विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी किए जाने संबंधी संकल्प जारी किए जाने की सूचना दी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के अनुरूप महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी किए जाने को लेकर राज्य मंत्रिपरिषद ने पहले ही अपनी मंजूरी दे दी थी। सरकार के इस निर्णय से राज्य के करीब पांच लाख सरकारी कर्मियों एवं तीन लाख पेंशनधारकों को लाभ होगा। इस महंगाई भत्ते की राशि का नकद भुगतान किया जाएगा। विभाग के अनुसार उच्च न्यायालय, बिहार विधानसभा, बिहार विधान परिषद के कर्मियों को पुनरीक्षित वेतनमान में इस महंगाई भत्ता का भुगतान मुख्य न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय, अध्यक्ष, बिहार विधानसभा एवं सभापति, बिहार विधान परिषद की स्वीकृति से देय होगी।