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जिले में नए साल में नई बहाली होने से छात्र के अनुपात में शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे। इससे पढ़ाई के दौरान आ रही परेशानियां कम होंगी। जिले के सभी 293 पंचायतों में हाईस्कूल तक की पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी। हाईस्कूलों में विज्ञान और गणित के अलावा संस्कृत व कम्प्यूटर के शिक्षक बहाल किए जाएंगे। इससे हाईस्कूल के बच्चों की ट्यूशन पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। नई शिक्षा नीति पर नए साल में काम शुरू हो जाएंगे। फलस्वरुप शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति आएगी। बदहाल और जर्जर स्कूल भवनों से निजात मिलेगी। जिसके लिए अभी से ही रिपोर्ट मांगी जा रही है। बच्चों को बैठने में कोई परेशानी न हो इसके लिए सभी स्कूलों को उपस्कर मद में राशि दी जा सकती है। इसकी रिपोर्ट पहले ही मांग ली गयी है।
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एप से होगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की जांच:
नए साल में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने को लेकर विभाग के अधिकारी कमर कस लिए हैं। अब स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की जांच नए पैमाने से होगी। इसके लिए एक एप विकसित किया गया है। कोरोना संकट के कारण बच्चों की पिछले 9 माह में बाधित हुई पढ़ाई की भरपाई के लिए विशेष अभियान चलेंगे। पिछड़े हुए कोर्स को पूरा करने का टास्क भी शिक्षकों को मिलेगा। डीईओ मोतिउर रहमान ने बताया कि 9 वीं के बच्चों के लिए सभी स्कूलों में स्मार्ट क्लास चलेंगे। वहीं निष्ठा की ऑनलाइन प्रशिक्षण पा रहे शिक्षकों को सफल होने पर प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे।
शिक्षकों का वेतन भी 15 फीसदी बढ़ेगा:
विभाग ने शिक्षकों के वेतन में 15 फीसदी बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। इसका लाभ उन्हें अप्रैल से मिलने लगेगा। शिक्षकों को हर माह वेतन भुगतान करने के लिए डीपीओ स्थापना ने फैसला किया है। इसके लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दे दिए गए हैं। बकाए अंतर वेतन का भुगतान नए साल में ही होगा।
महिला शिक्षकों को स्थानांतरण का लाभ :
महिला और दिव्यांग शिक्षकों को ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ देने की तैयारी नए साल में ही शुरू होगी। सूत्रों का कहना है कि सबकुछ ठीक रहा तो जून से पहले ही इसपर अमल हो जाएगा। जनवरी में शिक्षकों और छात्रों की विहित प्रपत्र में रिपोर्ट मांगी जा सकती है। नए साल में भी हर प्रखंड के 10 स्कूलों में पोषण वाटिका लगाई जाएगी।