
संघर्ष के कारण ही शिक्षकों को मिला अधिकार
बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के आह्वान पर बाईपास स्थित संघ भवन में शिक्षक आंदोलन की 17वीं वर्षगांठ पर संकल्प सभा आयोजित कर संघर्ष दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष रमेश कुमार सिंह ने की वहीं संचालन अशोक पाण्डेय ने किया।
बतौर अतिथि उपस्थित संघ के प्रदेश सचिव धनंजय सिंह, जिलाध्यक्ष रमेश कुमार सिंह, जिला उपाध्यक्ष संतोष सिंह, जिला मीडिया प्रभारी अशोक पाण्डेय ने संयुक्त रूप से कहा कि शिक्षकों ने संघर्ष कर विभिन्न समस्याओं से निजात पाई है।
राज्यकर्मी का दर्जा, समान काम-समान वेतन, पुरानी पेंशन, वरीयता, ऐच्छिक स्थानांतरण, प्रोन्नति वेतन विसंगति दूर करने जैसी मांगे वर्तमान में लंबित हैं। इसके निदान हेतु शिक्षकों को एकजुट होकर ठोस आंदोलन करने की आवश्यकता है। कहा कि 24 दिसंबर 2005 को लाखों अनुबंध मानदेय पर काम करने वाले शिक्षकों ने सरकार की शिक्षा व शिक्षक विरोधी नीति के विरुद्ध राजधानी पटना में जोरदार आंदोलन किया था। सरकार की दमनकारी नीतियों का कोपभाजन शिक्षकों को बनाया गया। आंदोलन को चकनाचूर करने हेतु पुलिसिया जुल्म किए गए परंतु शिक्षक अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करते रहे। अंततः सरकार ने सेवा के नियमितीकरण एवं वेतन सुधार करते हुए कई सुविधाएं दी।
आंदोलन की वर्षगांठ प्रत्येक वर्ष संघ द्वारा मनाई जाती है। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा से ही समाज विकास के पथ पर अग्रसर होता है लेकिन सरकार शिक्षकों को आर्थिक सामाजिक व मानसिक रुप से प्रताड़ित कर नया बिहार बनाने का सपना देखती आ रही है। जिला उपाध्यक्ष रणविजय कुमार, उदय कुमार, जिला कोषाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, जिला सलाहकार मनोज कुमार, जिला कार्यालय सचिव सुबोध कुमार सुमन, जिला उपाध्यक्ष श्री रजक, जिला प्रवक्ता डॉ चंद्र दीप राम, जिला सचिव उपेंद्र कुमार, संजय कुमार, राकेश रंजन,
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प्रभात कुमार, सरोज पांडेय, आलोक कुमार, रामाशीष चौरसिया, सुनील कुमार रंजन, विजय कुमार, नंदकिशोर कुमार प्रमोद वर्मा, बैद्यनाथ प्रसाद, श्रवण कुमार सिंह, केदार प्रसाद, शैलेंद्र कुमार, नंदकिशोर कुमार, राजेश कुमार सिंह, किशोर कुनार, मीना कुमारी, रामाशीष सिंह, नंदकिशोर सिंह, अमिताभ कुमार सिंह, रोशन कुमार सिंह, अमित कुमार, अजय कुमार यादव, राजेश कुमार, श्रवण कुमार सिंह, उपेंद्र कुमार सिंह, रूपेश कुमार सिंह, भूपेश कुमार सिंह, कामेश्वर मेहता, सिद्धेश्वर भगत उपस्थित रहे।