
राज्यभर से पहुंचे थे लोग आगामी 15 अगस्त तक सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू कर दी जाएगी। रविवार को रांची में आयोजित पेंशन जयघोष महासम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा सामाजिक सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। हर वर्ग की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा के लिए सरकार काम कर रही है। पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए चल रहे राष्ट्रीय आंदोलन (एनएमओपीएस) के आह्वान पर मोरहाबादी स्टेडियम में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। सम्मेलन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में झारखंड मुक्ति मोर्चा की राज्यसभा सदस्य महुआ माजी ने भी लिया। राज्य कर्मियों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री पुरानी पेंशन स्कीम लागू की समयावधि घोषित कर देंगे। मुख्यमंत्री ने जन भावनाओं को पूरा करते हुए योजनाओं का लागू करने की समय सीमा तय कर दी। पुरानी पेंशन योजना को लेकर सरकार का रुख पहले से सकारात्मक रहा है। इसको लेकर मुख्यमंत्री पहले भी वचन दे चुके हैं। वर्ष 2004 के बाद राज्य सेवा में बहाल कर्मचारियों और अधिकारियों को इसका लाभ सीधा मिलेगा। उन्होंने कहा, रविवार को रांची में पेंशन जयघोष महासम्मेलन में आप सभी की उम्मीद का नांद मेरे कानों में गूंज रहा है। आपकी झारखण्डी सरकार सभी वर्गों के सामाजिक सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है। मेरी कोशिश है 15 अगस्त तक झारखण्ड के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करूंगा।
मिड डे मील में अब परोसा जाएगा सहजन का पाउडर।
पटना। स्कूली बच्चों को पौष्टिक खाना मिले, उनका समुचित विकास हो, इसके लिए मध्याहन भोजन में अब बच्चों को सालोंभर मोरिंगा (सहजन) का पाउडर दिया जायेगा। इसके लिए बिहार राज्य मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय द्वारा प्रस्ताव तैयार किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत पटना सहित तीन जिलों के तीन-तीन ब्लॉक के स्कूलों में इसे लागू किया जायेगा। पांच हजार बच्चों को फायदा होगा।निदेशालय की मानें तो बिहार पहला राज्य होगा जहां मध्यान भोजनमें सहजून बच्चों को परोसा जायेगा।
सहजन पाउडर में सहजन का फल, पत्ता आदि का इस्तेमाल किया गया है। निदेशालय पदाधिकारी की मानें तो वन विभाग द्वारा निदेशालय के पास प्रपोजल आया था। इसमें सहजन के पाउडर मध्याह्न भोजन में देने को कहा गया । ज्ञात हो कि वन विभाग द्वारा बराबर की पहाड़ी गया और जहानाबाद इलाके में बड़े स्तर पर सहजन उपजाया जाता है और उसका पाउडर तैयार किया जाता है। मध्याह्न भोजन निदेशालय की कार्यक्रम पदाधिकारी संगीता गिरि ने बताया कि बच्चों को दाल या सब्जी में मिलाकर सहजन का पाउडर देने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।