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नियोजित शिक्षकों के वेतन को लेकर आई सबसे बड़ी खबर अब नहीं बंद होगा वेतन।

नियोजित शिक्षकों के वेतन को लेकर आई सबसे बड़ी खबर अब नहीं बंद होगा वेतन।

1)शिक्षा सचिव ने सभी डीएम व शिक्षा पदाधिकारियों को लिखा पत्र शिक्षा विभाग का अहम फैसला ।
2)दोषी पाने पर प्रक्रिया के तहत होगी कार्रवाई, वेतन रोकना अमानवीय।


पटना। बात पीछे शिक्षकों के वेतन को बंद करने की कहानी अब नहीं दोहराई जाएगी। मानव संसाधन विकास विभाग ने यह साफ कर दिया है कि किसी भी मामले में दोषी पाए जाने पर शिक्षकों का वेतन बंद करना।

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मानवाधिकार का हनन है और ऐसा करना अमानवीय है। शिक्षा सचिव एम.एम.झा ने सभी डीएम, जिला शिक्षा अधीक्षक और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि किसी भी सूरत में शिक्षकों के वेतन को बंद करने का आदेश देना तत्काल बंद करें। इस बात की सख्त हिदायत दी गई है कि जिन जिलों में शिक्षकों के वेतन बंद किए गए हैं वहां तत्काल प्रभाव से भुगतान की व्यवस्था की जाए। श्री झा ने 'हिन्दुस्तान' को बताया कि इस बात की शिकायत बड़ी तादाद में मिल रही थी कि शिक्षकों के वेतन पदाधिकारियों द्वारा बंद किए जाते हैं।

काफी जांच-पड़ताल के बाद यह पाया गया कि किसी भी पदाधिकारी को शिक्षकों का वेतन बंद करने का कोई अधिकार ही नहीं। उन्होंने साफ किया कि यदि किसी शिक्षक को किसी मामले में दोषी पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई प्रक्रिया' के तहत की जाएगी। यह नहीं चलेगा कि कोई अफसर जब मन चाहे तब शिक्षक का वेतन बंद करने का आदेश दे दे। ऐसा करने से शिक्षक के परिवार को भी सजा देने का हक किसी को नहीं है।

जानकारी के मुताबिक शिक्षक इन दिनों अफसरों के सॉफ्ट टारगेट बन गए हैं। शिक्षा विभाग में इस तरह की शिकायतों का ढेर लगा है कि अफसर फलां स्कूल में निरीक्षण पर गए और शिक्षकों के अनुपस्थित रहने पर उनका वेतन रोकने का आदेश दे दिया। जबकि नियम के मुताबिक ऐसा करने का अधिकार किसी को नहीं है। श्री झा ने कहा कि दंड देने के लिए विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी को दोषी पाया जाएगा और उसे निलंबित किया गया तब भी उसे जीवन भत्ता देने का अधिकार है।


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