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बक्सर : पिछले चार दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे शिक्षकों की हालत बिगड़ने लगी है। बावजूद, विभाग को शिक्षकों की सुध नहीं है। आमरण अनशन के चौथे दिन गुरुवार को भी शिक्षकों का हालचाल लेने न तो विभाग के कोई अधिकारी वहां गए और न ही चिकित्सकों की टीम ने ही शिक्षकों के सेहत की जानकारी ली। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ डुमरांव के अध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद ने बताया कि उनके पेट और सीने में दर्द की शिकायत होने लगी है।
अब ऐसे में सवाल उठता है कि वेतन के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे शिक्षकों को अगर कुछ हो जाता है तो उसकी जवाबदेही किसकी होगी। आखिर विभाग शिक्षकों के वेतन का भुगतान क्यों नहीं कर रहा है। हर बार शिक्षकों को अपने वेतन के लिए आंदोलन का रूख क्यों अख्तियार करना पड़ रहा है। चौथे दिन कार्यक्रम की अध्यक्षता अजीत कुमार सिंह तथा संचालन अनिल कुमार चंद्रवंशी ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते 1. हुए श्री प्रसाद ने कहा कि उनका तीन माह का वेतन लंबित है।
बिहार में नियोजित शिक्षकों को सम्मान न देकर बार-बार अपमान करना नीतीश कुमार को आखिरकार मिल गया नतीजा।
जनवरी भी बीतने को है।जनवरी को जोड़ दें तो चार माह का वेतन भुगतान बकाया हो जाएगा। श्री मुक्तेश्वर ने कहा कि हमको टारगेट कर फंसाने की कोशिश की जा रही है। शिक्षकों की जायज नैतिक मांगों को पूरा नहीं करने वाले शिक्षा विभाग के अधिकारी नियम के तहत भूख हड़ताल पर बैठने पर उन्हें गलत कह रहे हैं। वेतन न देने वाले अधिकारियों द्वारा आर्थिक बदहाली को मजबूर करके मानसिक रूप से भी परेशान किया जा रहा है लेकिन, शिक्षक अपनी मांगों से हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वेतन मिलने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
बिहार में नियोजित शिक्षकों को सम्मान न देकर बार-बार अपमान करना नीतीश कुमार को आखिरकार मिल गया नतीजा।
चाटधारियों ने धरना दे सात सूत्री मांग पत्र सौंपा
बक्सर: स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के चाटघारियों ने भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के बैनर तले गुरुवार को सोन नहर अवर प्रमंडल पदाधिकारी नावानगर के समक्ष धरना दिया। जिसकी अध्यक्षता शाहाबाद परिक्षेत्र चाटधारी असमी संघर्ष समिति जिला इकाई के ऐनुलहक अंसारी ने किया। धरना के दौरान अधिकारी को सात सूत्री मांग पत्र सौंपा गया। धरना में मुख्य रूप से बाला राम, बिनोद पासवान, जितेन्द्र मुसहर, मो इसराइल मियां, शाबिर अली सहित अन्य शामिल रहे।