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विभाग ने जारी किया आदेश 16 तारीख तक कर ले वरना अपने विद्यालय में आपको शिक्षक नहीं माना जाएगा।

 विभाग ने जारी किया आदेश 16 तारीख तक कर ले वरना अपने विद्यालय में आपको शिक्षक नहीं माना जाएगा।

गया। जिला पदाधिकारी अभिषेक सिंहकी अध्यक्षतामें शिक्षा विभागके कार्यों से संबंधित बैठक का आयोजन समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में की गई। बैठक में मुख्य रूप से विद्यालयों में ड्रापआउट रोकने एवं विद्यालयों में छात्रोंके नामांकन की संख्या बढ़ाने, सिविल वर्क की समीक्षा एवं विद्यालयों में शिक्षकों का फोटो लगाने सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्यों पर समीक्षा की गई

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बैठक में जिला पदाधिकारी द्वारा चिंता व्यक्त की गई कि विद्यालयों से ड्रापआउट की समस्यासे निपटने हेतु कारगर कार्रवाई किए जाएं। जिला पदाधिकारीने ड्रापआउट रोकनेके लिए विद्यालय शिक्षक, प्रधानाध्यापक एवं पदाधिकारी के साथ-साथ अभिभावकों को भी जागरूक करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि अभिभावक को समझाया जाए कि उनके बच्चे नामांकनके बाद विद्यालय अवश्य जाएं। 

अगर बच्चे विद्यालय नहीं आते हैं तो शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक का यह दायित्व है कि वह अभिभावकों को ससमय सूचित करें। विद्यालयोंमें नामांकित बच्चेमें से 16-17 प्रतिशत ड्राफआउटकी समस्या आ रही है। उन्होंने बैठक में उपस्थित प्रखंड शिक्षा पदाधि कारी को निर्देश दिया कि एक-एक छात्रको खोजें और उन्हें स्कूल भेजें। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की यह जवाबदेही है कि छात्रों के नामांकन के अनुसार उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करें।

 विद्यालयक प्रधानाध्यापक की भी यह जवाबदेही है कि विद्यालयों में शिक्षा के माहौल एवं संस्कृतिमें गुणवत्तापूर्ण सुधार लावें। उन्होंने कहा कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नियमित रूप से विद्यालयोंका निरीक्षणकर नामांकित बच्चों की संख्या एवं उपस्थितिकी खोज खबर लें। साथ ही यह पता करें कि परीक्षा पास करने के बाद अगले वर्गमें उक्त छात्र द्वारा कहीं नामांकन कराया गया है अथवा नहीं।

 अगर नामांकन नहीं कराया गया है तो अभिभावक को नामांकन हेतु प्रेरित करें। उन्होंने निदेश दिया कि ड्रापआउट होनेवाले छात्रोंका पता लगाकर उन्हें पुन: स्कूल लावे। मार्च माह में आयोजित मासिक बैठक में इसकी विस्तार से समीक्षा की जाएगी। शिक्षा विभाग द्वारा दिए गए निदेशक आलोक में जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि 15 फरवरोके बादसे जिन शिक्षकों का फोटो विद्यालय में नहीं लगेगा, वे उस विद्यालय शिक्षक नहीं माने जाएंगे। 

साथ ही उनका वेतन भी लवित रहेगा। सिविल वर्क की समीक्षाके क्रम में उन्होंने निदेश दिया की प्रतिवेदनमें शीर्षबार किए गए कार्यों की भौतिक स्थिति के साथ-साथ वित्तीय व्यय को भी दिखलाना सुनिश्चित करें। अगर राशि लौटती है तो उसका कारण बताना भी अनिवार्य होगा। जिला पदाधिकारी ने कहा कि फरवरी-मार्च का महीना शिक्षाकं लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे समझते हुए विभाग के सभी पदाधिकारी, शिक्षक, प्रधानाध्यापक कार्य करें।

 बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी, डीपीओ स्थापना, सर्वशिक्षा अभियान,माध्यमिक शिक्षा सहित सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उपस्थित थे।

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