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राज्य के 80 हजार सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए कोरोना काल में विभाग ने जारी किया फरमान।

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नौ महीने में होगी 12 माह की पढ़ाई। 
पटना। राज्य के तकरीबन 80 हजार सरकारी स्कूलों में 12 माह के सिलेबस की पढ़ाई नौ माह में होगी। ऐसा इसलिए होगा कि शैक्षिक सत्र के 12 महीने में तीन माह कैचप कोर्स के हिस्से में चले गये हैं। कैचप कोर्स की पढ़ाई भी तय तिथि से आगे बढ़ेगी। ऐसे में इस संभावना को भी नजरअंदाज के लिए नौ माह में सिमटे 12 माह के सिलेबस और छोटा करने की नौबत उत्पन्न हो जाय। सरकारी स्कूलों में नया शैक्षिक सत्र पहली अप्रैल से ही शुरू हो चुका है। 

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स्कूलों में प्रत्येक कक्षा के शैक्षिक सत्र 12 माह के होते हैं। इन 12 महीनों में अप्रैल, मई, जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्तूबर, नवम्बर, दिसंबर, जनवरी, फरवरी और मार्च शामिल होते हैं। पहली अप्रैल से शुरू हुए शैक्षिक सत्र में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चे बिना परीक्षा ही प्रोन्नत होकर क्रमश: दूसरी से नौवीं कक्षा में पहुंच गये। चूंकि, पिछले शैक्षिक सत् तो और छोटा हो जायेगा ब्रिज कोर्स का आकार में स्कूलों में कक्षाएं लगी नहीं, इसलिए नये शैक्षिक सत्र के 12 माह दो हिस्से में बांट दिये गये।

 पहले हिस्से में चालू अप्रैल से जून तक के तीन माह रखे गये और दूसरे हिस्से में जुलाई से लेकर मार्च तक के नौ माह पहले हिस्से के तीन माह में दूसरी से 10वीं कक्षा के बच्चों को हर विषय में पिछली कक्षा का पाठ पढ़ाने के लिए कैचप कोर्स तैयार किया गया। तीन माह के कैचप कोर्स की पढ़ाई पांच अप्रैल से होनी थी। बाकी जुलाई से लेकर मार्च तक के नौ माह में बच्चों को नयी कक्षा के पाठ पढ़ने हैं। चूंकि, 12 माह के इसलिए हर विषय का सिलेबस छोटा कर नौ माह में सिमेटा गया। इसमें हर विषय के विशेषज्ञ लगाये गये थे।

हालांकि, कोरोना को लेकर अब 12 माह की पढ़ाई नौ माह में कराने की तैयारियों पर भी अमल हो पायेगा या नहीं, यह फिलहाल सवालों के घेरे में है। इसलिए कि, 80 हजार सरकारी स्कूलों में जिस दिन दूसरी से 10वीं कक्षा के तकरीबन पौने दो करोड़ बच्चों की कैचप कोर्स की पढ़ाई शुरू होनी थी। उसी दिन से स्कूल-कॉलेज एवं कोचिंग सहित सभी शिक्षण संस्थान बंद हो गये। कोरोना से बचाव को लेकर स्कूल-कॉलेज एवं कोचिंग सहित शिक्षण संस्थानों को बंद करना सरकार की मजबूरी है। 

फिलहाल, 15 मई तक के लिए स्कूल-कॉलेज एवं कोचिंग सहित शिक्षण संस्थान बंद हैं। इससे यह बात साफ है कि शैक्षिक सत्र 12 माह में कैचप कोर्स के हिस्से के तीन माह में एक माह 10 दिन बिना इसकी पढ़ाई के गुजर जायेंगे | अगर उसके बाद भी हालात सामान्य नहीं हुए, तो उसका असर भी कैचप कोर्स की पढ़ाई पर पड़ेगा। ऐसे में इसका असर नौ माह में सिमटे 12 माह के सिलेबस पर तो पड़ेगा ही। संभव है कि, तब 12 माह के सिलेबस का आकार
सिमट कर नौ माह से भी छोटा हो जाय ।


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