
स्कूल ऑवर के बाद ही जनगणना कार्य
एसडीएम ने कहा कि जातीय जनगणना के पहले चरण में नजरी नक्शा के साथ मकान की नंबरिंग तथा संक्षिप्त मकान की सूची बनाई जाएगी। जातीय जनगणना में अगर कोई भी त्रुटि होती है वास्तविक जनगणना प्रभावित होगी इसलिए गंभीरतापूर्वक प्रशिक्षण लेकर ही जनगणना का कार्य 5 जनवरी से शुरू करें। आपके मूल ड्यूटी के अलावा जनगणना कार्य का अलग से मानदेय दिया जाएगा, इसलिए कार्यालय अवधि के बाद ही जनगणना का कार्य करें।
उन्होंने कहा कार्यालय अवधि में अनुपस्थित पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करें की जाएगी। जब तक बच्चे विद्यालय में नहीं आ रहे हैं तब तक आप जनगणना के कार्य से विद्यालय छोड़कर जाने पर रजिस्टर पर उसको मेंशन करके जाना है। जब विद्यालय में बच्चे आने लगेंगे तो किसी भी हाल में इसी को छोड़कर जनगणना कार्य में नहीं जाएंगे। जनगणना अवधि में हम खासकर सभी विद्यालय और कार्यालय का निरीक्षण करेंगे। जो भी कम अपने यूटी से गायब पाए जाएंगे उनके मानदेय पर रोक लगाई जाएगी। जनगणना कार्य में किसी भी कर्मी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
राज्य के विश्वविद्यालयों में पांच हजार कर्मियों की होगी नियुक्ति
पटना। बिहार में नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए राज्य सरकार नए साल में बड़ा अवसर लेकर आई है। राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षकेत्तर कर्मियों के खाली पांच हजार पदों पर नियमित नियुक्ति होगी। यह नियुक्ति बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से होगी। इसे लेकर शिक्षा विभाग ने गाइड लाइन तैयार किया है। इसमें विश्वविद्यालयों के अतिरिक्त उनके अधीनस्थ अंगीभूत महाविद्यालयों में तृतीय श्रेणी के कर्मियों की नियमित नियुक्ति का एजेंडा शामिल है। विभाग ने कर्मियों के सृजित पदों और उसके विरुद्ध रिक्तियों की सूचना देने का आदेश कुलपतियों को दिया है। यह सूचना शिक्षा विभाग के पोर्टल पर देनी है।
उच्च शिक्षा निदेशालय के मुताबिक राज्य के 13 पारंपरिक विश्वविद्यालयों में पटना विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, बीएन विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय एवं मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु जानकारी मांगी गई है। इन विश्वविद्यालयों के अधीन लगभग 268 अंगीभूत महाविद्यालय हैं।
इससे राज्य के विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक एवं वित्तीय व्यवस्था दुरुस्त होगी। शैक्षिक सत्र नियमित होगा एवं उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात बढ़ेगा। इसे शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा निदेशालय ने अपनी भावी योजनाओं में शामिल किया है। प्रस्तावित योजनाओं के मुताबिक विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक सुधार के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। विश्वविद्यालयों का बजट साफ्टवेयर से बनेगा। बजट की मानीटरिंग भी साफ्टवेयर से होगी। शैक्षिक सत्र नियमित करने के लिए परीक्षाएं समय से होंगी। परीक्षा परिणाम भी समय से दिए जाएंगे।