
यह आदेश माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सी० डब्लू० जे० सी० सं०-19536 / 2018 धनंजय एवं अन्य बनाम बिहार राज्य एवं अन्य में दिनांक 09.10.2018 को पारित न्यायादेश के आलोक में पारित किया जा रहा है।
2. उक्त पारित न्यायादेश के आलोक में वादी श्री धन्नजय एवं अन्य वादियों द्वारा समर्पित अभ्यावेदन का अवलोकन किया गया। वादियों द्वारा समर्पित अभ्यावेदन में अंकित किया गया है कि शिक्षक नियोजन नियमावली 2006 एवं 2012 तथा एन0सी0ई0टी0 2001 एवं 2010 के अधिसूचना में निहित प्रावधान के अनुसार B.Ed. प्रशिक्षित शिक्षकों का नियोजन प्राथमिक विद्यालयों में वर्ग I से V में नहीं किया जा सकता है जिसके चलते वादियों का नियोजन केवल मध्य विद्यालय वर्ग VI से VIII के लिए किया गया है।
उक्त परिप्रेक्ष्य में अधिसूचना संख्या 1530 दिनांक 11.08.2015 एवं आदेश संख्या 1811 दिनांक 22.09.2015 के आलोक में शिक्षक नियोजन नियमावली, 2006 के तहत नियोजित B.Ed. प्रशिक्षित शिक्षकों के वेतन निर्धारण का आग्रह वादियों द्वारा किया गया है। शिक्षकों की एक ही
3. इस संबंध में अंकित करना है कि वर्ष 2006 एवं 2008 में अधिसूचित नियमावली में कोटि थी, जो वर्ग I-V एवं वर्ग VI-VIII तक पढ़ाने हेतु नियोजित किये गये थे।
4. NCET के मापदण्ड के आलोक में बी०एड० योग्यताधारी को वर्ग VI-VIII में ही पढ़ाने की अर्हता
थी। इसी आलोक में नियोजन वर्ष 2006 एवं 2008 में प्रखंड शिक्षक एवं नगर शिक्षक के रूप में बी०एड० योग्यताधारी का पदस्थापन मध्य विद्यालयों में किया जाना निदेशित था परन्तु ऐसे शिक्षकों के लिए अलग से नियत वेतन निर्धारित नहीं था।
5. वर्ष 2012 में अधिसूचित नियमावली के तहत पंचायत प्रारंभिक शिक्षकों का तीन ग्रेड यथा बेसिक ग्रेड,
स्नातक ग्रेड एवं प्रधानाध्यापक का पद चिन्हित किया गया। वर्ष 2012 में ही स्नातक ग्रेड में पद सृजित किए गए
और नवसृजित पद पर नियोजना की कार्रवाई प्रारंभ की गयी। पूर्व से नियोजित सभी शिक्षकों को बेसिक ग्रेड के
शिक्षक के रूप में मान्यता दी गयी है।
6. इस प्रकार वर्ष 2006 एवं 2008 के नियमावली के तहत बी०एड० योग्यताधारी नियोजित शिक्षक मूलतः बेसिक ग्रेड के ही शिक्षक है। उक्त आलोक में वादियों के अभ्यावेदन को अस्वीकृत करते हुए निस्तारित किया जाता है।