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जो स्वैच्छिक रूप से इस स्कीम में जुड़ना चाहेंगे नए लोगों के लिए ईपीएफओ का नया फंड 6 करोड़ लोग मौजूदा समय में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से जुड़े हुए हैं 8.5% की दर ईपीएफ ने इस साल ब्याज देने का निर्णय लिया 12% कर्मचारी के मूल वेतन का और इतना ही कंपनियां जमा करती है।
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सरकार जल्द कर सकती है घोषणा, यह उनके लिए होगा जो स्वैच्छिक रूप से इस स्कीम में जुडना चाहेत
नए लोगों के लिए ईपीएफओ का नया फंडकर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इंपोएफओ) के तहत जल्द ही सरकार एकन्या फंड बना सकती है। यह उन लोगों के लिए होगा जो स्वैच्छिक रूप से इस स्कीम में जुड़ना चाहेंगे। इस घटनाक्रम से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। दरअसल, सरकार हर किसी के लिए ईपीएफओ खोलने की तैयारी कर रही है। अभी यह सिर्फ नौकरीपेशा वर्ग तक ही सीमित है। आने वाले समय में इसमें पेशेवर से लेकर खुद का कारोबार करने वालों को जोड़ने की तैयारी है। नए ऊंड बनाने को लेकर अधिकारियों का कहना है कि अलग से फंड इसलिए बनाया जा रहा है ताकि हर कोई ईपीएफओ के तहत निवेश कर के अच्छे रिटर्न का फायदा ले सके।
इसे मौजूदा स्कीम के तहत इसलिए नहीं शुरू किया जा रहा है ताकि नए लोगों को 6 करोड़ से अधिक ईपीएफओ अंशधारकों की सालों की मेहनत का फायदाना मिले, जिनका अभी का कोष करीब 10 लाख करोड़ रुपये का है।40 करोड़ असंगठित कामगारों को जोड़ने की तैयारी
देशभर के 40 करोड़ असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जोड़ने की तैयारी है। सरकार सामाजिक सुरक्षा संहिता के एक अप्रैल से लागू कर सकती है। इसके बाद असंगठित क्षेत्र के कामगार भी सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आ जाएंगे। देश में 40 करोड़ से ज्यादा असंगठित क्षेत्र के कामगार हैं जो कि किसी प्रतिष्ठान अथवा कंपनी के वेतन रजिस्टर में नहीं आते हैं और उन्हें भविष्य निधि और ग्रेच्युटी जैसे लाभ प्राप्त नहीं हैं। सरकार इन सभी को ईपीएफओ के तहत लाने की योजना बनाई है। गौरतलब है कि अभी ईपीएफओ की स्कीम सिर्फ कंपनियों, फैक्ट्रियों आदि के लिए हैं, जहां पर नियोक्ता-कर्मचारी की व्यवस्था है।
एनपीएस से मिलती-जुलती होगी नई स्कीम।
सूत्रों के अनुसार, ईपीए तहत खुलने नई स्कीम काफी हद तक नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीस) मिलती-जुलती होगी। यानी, इसमें जो व्यक्ति निवेश करेंगे उनको होने वाली कमाई के आधार पर रिटर्न दिया जाएगा । एनपीएस भी इसी तर्ज पर काम करता है। एनपीएस में जमा रकम को बाजार और बॉन्ड में निवेश किया जाता है। उससे होने वाली कमाई के आधार पर एनपीएस अंशधारकों को रिटर्न दिया जाता है। साथ ही इन लोगों के लिए पैसे निकालने की नियम और शर्ते भी अलग होगी। इसके लिए मौजूदा कानून में संशोधन की जरूरत होगी, जिसके तहत 24 फीसदी योगदान यानी नियोक्ता और कर्मचारी की तरफ से 12-12 फीसदी योगदान किया जाता है ।
श्रम कानून लागू होने के बाद नियम में बदलावसूत्रों के अनुसार, श्रम कानून लागू होने के बाद ईपीएफओ के नियमों में संशोधन किया जाएगा। माना जा रहा है कि देशभर में 1 अप्रैल से नया श्रम कानून लागू किया जाएगा। इसके बाद ईपीएफओ के नियम में बदलाव कर नया फंड बनाया जाएगा। इसकी तिथि की घोषणा उसके बाद की जाएगी। जिन लोगों ने सालों से निवेश किया है, उसका फायदा भी उन्हें ही मिलना चाहिए। इसलिए नए फंड बनाने की तैयारी है।
मिल रहा सबसे अधिक रिटर्न।
ईपीएफओ के तहत जमा रकम पर मौजूदा समय में सभी छोटी बचत योजना और एफडी के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिल रहा है। ईपीएफओ ने इस साल 8.5 फीसदी का ब्याज तय किया है, जो छोटी बचत योजनाओं के तहत मिलने वाले 7 फीसदी ब्याज के काफी अधिक है। वहीं, बैंक एफडी पर मौजूदा समय में छह फीसदी का रिटर्न मिल रहा है। ईपीएफओ में दूसरा फायदा यह भी है कि इसमें जमा को परिपक्वता अवधि पर निकालने पर कोई टैक्स जमा नहीं करना होता है।